Lucknow-Kanpur Expressway: उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं. प्रदेश में इस समय 15 से अधिक एक्सप्रेसवे हैं जिनमें से आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे कई प्रमुख मार्ग संचालित हैं. वहीं गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अंतिम चरण में है. इसी कड़ी में अब सभी की निगाहें कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टिकी हैं. जिसका उद्घाटन जल्द होने वाला है.
यात्रा समय में भारी कमी लाएगा नया एक्सप्रेसवे
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बनकर तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय 2-3 घंटे से घटकर महज 35-40 मिनट रह जाएगा. फिलहाल NH-27 पर भारी ट्रैफिक दबाव के चलते इस सफर में 3 से 4 घंटे लग जाते हैं. नया एक्सप्रेसवे लोगों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव देगा.
NH-27 पर जाम का कारण और समस्या
एनएच-27 पर अक्सर जाम की स्थिति मौरंग और गिट्टी से भरे ट्रकों की भारी आवाजाही के कारण बनती है. बुंदेलखंड की नदियों से निकलने वाली सामग्री को ट्रक और डंपर के जरिए कई जिलों में पहुंचाया जाता है. जिससे कानपुर और लखनऊ के बीच सफर करना मुश्किल हो जाता है. कई बार यह जाम 4 घंटे से भी लंबा हो जाता है.
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण की स्थिति
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे का लगभग 90% सिविल कार्य पूरा हो चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई 2025 तक एक्सप्रेसवे चालू हो जाएगा. यह 63 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे दो पैकेज में बनाया जा रहा है. जिसमें 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड रहेगा. इसे उद्योग पथ एक्सप्रेसवे और लखनऊ रिंग रोड से भी जोड़ा जाएगा.
परियोजना की लागत और लेन विस्तार योजना
यह परियोजना 2022 में शुरू हुई थी. जिसकी कुल लागत लगभग 4700 करोड़ रुपये है. शुरुआत में इसे 6 लेन में विकसित किया जा रहा है. लेकिन भविष्य में इसे बढ़ाकर 8 लेन का भी किया जा सकता है. यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होकर उन्नाव के आजाद चौराहे तक फैला होगा. जिसमें लखनऊ जिले के 11 शहर और उन्नाव जिले के 31 गांव शामिल हैं.
रूट मैप और यात्रियों के लिए सुविधाएं
एक्सप्रेसवे पर लखनऊ और उन्नाव के आजाद चौराहे पर एंट्री और एग्जिट पॉइंट होंगे. इसके अलावा लालगंज-उन्नाव रोड से भी एक्सप्रेसवे पर पहुंचा जा सकेगा. यात्रियों की सुविधा के लिए टोल प्लाजा के पास रेस्टोरेंट, शौचालय और प्रशासनिक भवन बनाए जा रहे हैं. यहां गाड़ियां 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी.
भारत माला परियोजना के तहत हो रहा विकास
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे को भारत माला परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है. इससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. सरकार एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक शहर बसाने की योजना बना रही है. जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. लखनऊ और कानपुर के एयरपोर्ट्स तक भी अब तेजी से पहुंचा जा सकेगा.