Underwater Tunnel Construction: भारत में समुद्र के नीचे पहली सुरंग अब बनकर तैयार हो गई है और यह ऐतिहासिक उपलब्धि महाराष्ट्र के मुंबई में हासिल की गई है. समुद्र तल से 20 मीटर नीचे बनाई गई यह जुड़वां सुरंग तकनीकी दृष्टि से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान है. इस अंडरवाटर टनल की कुल लंबाई 2.07 किलोमीटर है और यह आने वाले समय में शहर के ट्रैफिक सिस्टम को नया आयाम देगी.
समंदर के नीचे टनल बनाना कितना चुनौतीपूर्ण?
समंदर के नीचे सुरंग बनाना इंजीनियरों के लिए एक अत्यंत जटिल और जोखिम भरा कार्य होता है. समुद्री जल का दबाव, ज़मीन की अस्थिरता और मौसम की चुनौती जैसे कई कारक इसमें शामिल होते हैं. इसके बावजूद भारतीय इंजीनियरों ने इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक अंजाम देकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इतिहास रच दिया.
कौन-सी तकनीक से बनती है अंडरवॉटर टनल?
आज के समय में पानी के नीचे सुरंग बनाने के लिए ‘कट-एंड-कवर विधि’ का उपयोग आम हो चला है. इस तकनीक में समुद्र या नदी तल में पहले गहरी खाई (trench) बनाई जाती है. उसके बाद उस खाई में पहले से तैयार किए गए कंक्रीट या स्टील के ट्यूब डाले जाते हैं.
कैसे जुड़ते हैं ट्यूब और कैसे निकाला जाता है पानी?
इन ट्यूब सेक्शनों को चट्टान या मिट्टी की मोटी परत से ढक दिया जाता है, ताकि वो स्थिर और सुरक्षित बने रहें. फिर इन खंडों को आपस में जोड़ा जाता है और अंदर जमा पानी को हाई-पावर पंपिंग सिस्टम के माध्यम से बाहर निकाल दिया जाता है. यह प्रक्रिया बेहद सावधानी से की जाती है ताकि कोई रिसाव न हो.
और कौन-सी तकनीकों का होता है उपयोग?
पानी के नीचे सुरंग बनाने के लिए सिर्फ कट-एंड-कवर ही नहीं. बल्कि कई आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल होता है. इनमें शामिल हैं:
- वॉटर जेट कटिंग
- लेजर कटिंग
- अल्ट्रासोनिक साउंड वेव्स
इन तकनीकों की मदद से सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है.
हर दिन बदलती हैं तकनीकें
इंजीनियरों की खोज और अनुसंधान के चलते इस क्षेत्र में लगातार नई तकनीकों का विकास हो रहा है. आज की एक तकनीक कल पुरानी हो जाती है. टनल बोरिंग मशीन (TBM) से लेकर रिमोट ऑटोमैटिक मोनिटरिंग सिस्टम तक, हर कदम पर तकनीक का प्रयोग बढ़ता जा रहा है.
कहां बनी थी दुनिया की पहली अंडरवॉटर सुरंग?
दुनिया की पहली अंडरवॉटर रेल सुरंग 1921 में लंदन में बनाई गई थी. इसे टेम्स नदी के नीचे बनाया गया था और यह ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांति का प्रतीक बनी. उसके बाद से अब तक दुनिया के कई देशों ने समुद्र या नदी के नीचे सुरंगें बनाकर यातायात को आसान बनाया है.
मुंबई की सुरंग क्यों है खास?
- समुद्र के नीचे 20 मीटर गहराई पर बनाई गई यह जुड़वां सुरंग सुरक्षा और इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण है.
- यह सुरंग भारत की पहली अंडरवाटर ट्रांसपोर्ट टनल है.
- यह मुंबई के ट्रैफिक लोड को कम करने में सहायक बनेगी.