Bijli Bill Subsidy: मध्यप्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक नई और महत्वपूर्ण व्यवस्था शुरू की जा रही है. अब उपभोक्ताओं को बिजली का पूरा वास्तविक बिल मिलेगा. जिसमें सब्सिडी अलग से नहीं घटेगी. बल्कि वह राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. राज्य की बिजली वितरण कंपनी इस व्यवस्था को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू करने की तैयारी में है.
क्या है नई व्यवस्था का उद्देश्य?
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य है कि बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ सीधे मिले. अब उपभोक्ता को वास्तविक खपत का बिल मिलेगा और सरकारी सहायता सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के तहत खाते में भेजी जाएगी. इससे किसी तरह की हेरा-फेरी या भ्रम की संभावना कम हो जाएगी.
ई-केवाईसी कराना होगा जरूरी
इस नई प्रणाली का लाभ पाने के लिए उपभोक्ताओं को अपना ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य रूप से कराना होगा. जल्द ही कंपनी द्वारा ई-केवाईसी की अंतिम तिथि घोषित की जाएगी. उपभोक्ता ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से अपनी जानकारी अपडेट करा सकेंगे.
ऑफलाइन ई-केवाईसी के लिए जरूरी दस्तावेज
यदि कोई उपभोक्ता ऑफलाइन ई-केवाईसी करना चाहता है तो उसे निम्नलिखित दस्तावेज लेकर बिजली कंपनी के कार्यालय जाना होगा:
- आधार कार्ड
- पिछला बिजली बिल
- निवास प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड या वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस
- मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक हो)
- समग्र आईडी
- बैंक पासबुक की कॉपी
- भरा हुआ और हस्ताक्षरित केवायसी फॉर्म
इन दस्तावेजों को सही तरीके से सत्यापित कर जमा करना अनिवार्य होगा.
उपभोक्ताओं को कैसे मिलेगा फायदा?
नई प्रणाली में उपभोक्ता को बिजली के हर यूनिट का सही बिल मिलेगा. जिससे उन्हें यह पता चलेगा कि वे कितना खर्च कर रहे हैं. सब्सिडी का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में आएगा, जिससे उपभोक्ता को विश्वास भी बढ़ेगा और प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनेगी. यह कदम डिजिटल भारत और सब्सिडी में सुधार की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.