Fully Literate State: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए खुद को देश का पहला ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित करवा लिया है. इसका मतलब यह है कि अब मिजोरम में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र का हर व्यक्ति पढ़ने, लिखने और बेसिक गणित करने में सक्षम है.
ULLAS योजना ने निभाई बड़ी भूमिका
इस उपलब्धि के पीछे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ‘ULLAS’ (नवभारत साक्षरता कार्यक्रम) योजना की अहम भूमिका रही. इस अभियान के जरिए राज्य में मौजूद शेष निरक्षर लोगों की पहचान कर उन्हें साक्षर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए. यह योजना केवल शिक्षा ही नहीं. बल्कि समाज में समानता और आत्मनिर्भरता लाने की दिशा में भी बड़ा कदम है.
पहले से ही मजबूत थी मिजोरम की शिक्षा व्यवस्था
मिजोरम की गिनती शुरू से ही देश के सबसे शिक्षित राज्यों में होती रही है. 2011 की जनगणना में राज्य की साक्षरता दर 91.33% थी, जो भारत में तीसरे स्थान पर थी. इस आधार पर यहां साक्षरता अभियान को सफल बनाना आसान जरूर था. लेकिन इसके पीछे संगठित योजना और सामुदायिक भागीदारी की बड़ी भूमिका रही.
2023 के सर्वे में सामने आए 3,026 निरक्षर लोग
हाल ही में 2023 में राज्य में एक विस्तृत साक्षरता सर्वे किया गया. जिसमें पाया गया कि 3,026 लोग अब भी निरक्षर हैं. इस जानकारी के आधार पर टारगेटेड एजुकेशन प्रोग्राम शुरू किया गया. जिससे न केवल शिक्षण प्रक्रिया बेहतर हुई, बल्कि परिणाम भी सामने आने लगे.
1,692 लोगों ने नियमित शिक्षा के ज़रिए पाया ज्ञान
इन 3,026 में से 1,692 लोगों ने नियमित रूप से पढ़ाई शुरू की और साक्षर बन गए. यह संख्या अपने-आप में मिजोरम की जागरूकता और सामूहिक प्रयास की मिसाल है. खास बात यह रही कि इन लोगों को पढ़ाने के लिए स्थानीय वॉलंटियर्स, छात्रों, शिक्षकों और क्लस्टर कोऑर्डिनेटर्स को जोड़ा गया.
292 वॉलंटियर्स बने अभियान की रीढ़
इस साक्षरता मिशन में 292 वॉलंटियर्स ने अपना योगदान दिया. जिन्होंने गांव-गांव जाकर निरक्षर लोगों को शिक्षित किया. इनमें कॉलेज छात्र, प्रशिक्षित शिक्षक, शिक्षा समन्वयक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे. इन वॉलंटियर्स की मेहनत से ही मिजोरम ने यह ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किया.
भारत के अन्य सबसे साक्षर राज्य कौन से हैं?
मिजोरम के बाद देश के अन्य शीर्ष साक्षर राज्यों में शामिल हैं:
- गोवा और सिक्किम: 99.9% साक्षरता
- केरल: 96.2%
- दिल्ली: लगभग 95%
- उत्तर प्रदेश: 92.3%
- बिहार: 91.9%, जो अब भी राष्ट्रीय औसत से थोड़ा पीछे है
लद्दाख भी बन चुका है पूर्ण साक्षर प्रशासनिक क्षेत्र
गौरतलब है कि मिजोरम से पहले लद्दाख को भारत की पहली ‘पूर्ण साक्षर प्रशासनिक इकाई’ घोषित किया गया था. लेकिन एक संपूर्ण राज्य के रूप में मिजोरम यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला राज्य बन गया है. यह शिक्षा के क्षेत्र में भारत के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.
शिक्षा के ज़रिए आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
मिजोरम की यह उपलब्धि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है. बल्कि यह दर्शाता है कि शिक्षा के माध्यम से समाज में वास्तविक परिवर्तन लाया जा सकता है. अब मिजोरम के सभी नागरिक न केवल पढ़ने-लिखने में सक्षम हैं. बल्कि अपनी सोच, रोजगार और जीवनशैली में भी बदलाव ला सकते हैं.