Haryana Railway Project: हरियाणा के मेवात क्षेत्र के लाखों लोगों का रेल यात्रा का सपना अब साकार होने वाला है। केंद्र सरकार ने पचास साल पुरानी मांग को मंजूरी देते हुए 2500 करोड़ रुपये की लागत वाली रेल परियोजना को हरी झंडी दे दी है। यह रेल लाइन दिल्ली से सोहना होते हुए फिरोजपुर झिरका से अलवर तक बनेगी। जिसकी कुल लंबाई 104 किलोमीटर होगी।
सात प्रस्तावित स्टेशन, संख्या बढ़ सकती है
परियोजना के तहत सात प्रमुख स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। हालांकि स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्टेशन की संख्या बढ़ाई जा सकती है। यह रेललाइन न केवल यातायात के साधनों को बढ़ावा देगी। बल्कि मेवात जैसे पिछड़े क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच भी सुनिश्चित करेगी।
1971 में उठी थी मांग
यह रेल लाइन कोई नया प्रस्ताव नहीं है। इसकी मांग सबसे पहले 1971 में गुड़गांव के सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने उठाई थी। इसके बाद हर चुनाव में यह मुद्दा उठता रहा, लेकिन व्यवहारिक स्वीकृति अब जाकर मिली है। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए पहले कई बार सर्वे भी कराए थे। लेकिन बजटीय मंजूरी नहीं मिली थी।
राजनीतिक इच्छाशक्ति से मिली मंजूरी
बीते वर्ष 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह और गुड़गांव से सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद में नूंह जिले की रेल कनेक्टिविटी की कमी को प्रमुखता से उठाया था। उनके प्रयासों और प्रदेश सरकार की सिफारिश के चलते मोदी सरकार ने इस योजना को बजट में शामिल किया और अब राशि भी जारी कर दी गई है।
तीन साल में पूरी होगी परियोजना
रेलवे विभाग की ओर से कहा गया है कि यह परियोजना तीन साल में पूरी की जाएगी। इसके लिए शेष प्रशासनिक और तकनीकी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। परियोजना के शुरू होते ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
नूंह को मिलेगा पिछड़ेपन से मुक्ति का रास्ता
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि नूंह जिला देश का सबसे पिछड़ा जिला माना जाता है। यहां रेल सुविधा का न होना विकास में सबसे बड़ी बाधा थी। इस रेललाइन के आने से यह क्षेत्र ‘विकास के ट्रैक’ पर दौड़ सकेगा और धीरे-धीरे पिछड़ेपन के टैग से मुक्त हो सकेगा।
बदलाव के संकेत
रेललाइन से न केवल यात्रा की सुविधा होगी। बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और व्यापारिक गतिविधियों को भी नया आधार देगी। लोगों को अब राजधानी और अन्य प्रमुख शहरों तक सीधी पहुंच मिलेगी। जिससे रोजगार, उच्च शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है।
मेवात को बदलने वाली योजना का आगाज
इस परियोजना को एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है। जिससे मेवात को राज्य और देश की मुख्यधारा में शामिल किया जा सकेगा। लंबे समय से विकास से वंचित यह क्षेत्र अब रेलवे के माध्यम से बदलने को तैयार है।