School Demolition Notice: लुधियाना के जगराओं पुल के पास स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है, जहां रेलवे ने 15 दिन के भीतर स्कूल की जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। इस आदेश से स्कूल प्रशासन, शिक्षा विभाग और सैकड़ों छात्रों में भारी चिंता का माहौल बन गया है।
रेलवे और शिक्षा विभाग आमने-सामने
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उत्तर रेलवे के लुधियाना सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने 4 जून को एक नोटिस जारी कर स्कूल प्रशासन को 19 जून तक स्कूल खाली करने का निर्देश दिया। नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि जमीन के मालिकाना हक का वैध प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया, तो स्कूल की इमारत को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
स्कूल में पढ़ते हैं दो शिफ्टों में 350 छात्र
इस सरकारी स्कूल में दो शिफ्टों में लगभग 350 छात्र पढ़ाई करते हैं।
- नोटिस के बाद छात्रों और अभिभावकों में भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
- स्कूल की प्रिंसिपल ने इस मामले की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी है और समाधान की कोशिशें जारी हैं।
स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह चर्चा भी हो रही है कि स्कूल को लुधियाना बस स्टैंड के पास किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है।
हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है।
रेलवे ने क्यों भेजा नोटिस?
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि:
- स्कूल की जमीन रेलवे की संपत्ति है
- शिक्षा विभाग ने अभी तक ज़मीन के भुगतान से जुड़े दस्तावेज या कोई वैध अधिकार प्रस्तुत नहीं किया है
- इसी कारण नियमित प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी किया गया है
बच्चों के भविष्य पर संकट
रेलवे की चेतावनी और शिक्षा विभाग की चुप्पी के बीच, सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों और उनके अभिभावकों को उठाना पड़ सकता है।
- वर्ष के मध्य में स्कूल का स्थान बदलना बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर डाल सकता है
- इससे पढ़ाई में विघ्न, मनोबल में गिरावट और सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दे सामने आ सकते हैं
शिक्षा विभाग कर रहा समाधान की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी रेलवे अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
- हालांकि, यदि यह विवाद जल्द नहीं सुलझा तो स्कूल को अनिश्चितकाल तक बंद करना पड़ सकता है या स्थलांतरण का विकल्प अपनाना होगा।
क्या है छात्रों और अभिभावकों की मांग?
छात्रों और उनके अभिभावकों की प्रमुख मांग है कि:
- छात्रों की पढ़ाई और भविष्य को प्राथमिकता दी जाए, न कि जमीन के विवाद को
- स्कूल को उसी स्थान पर यथावत रखा जाए
- अगर स्थानांतरण अनिवार्य है तो समुचित व्यवस्था के साथ नई जगह उपलब्ध कराई जाए