Land Prices Rise: हरियाणा सरकार ने राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने 10 जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Integrated Industrial Township) विकसित करने का फैसला लिया है. इस निर्णय से जहां एक ओर निवेशकों को नए अवसर मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतरीन अवसर भी प्राप्त होंगे.
टाउनशिप के लिए चुने गए 10 महत्वपूर्ण जिले
हरियाणा सरकार ने टाउनशिप योजना के तहत जिन 10 जिलों का चयन किया है. वे भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ये जिले हैं:
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद (ग्रेटर फरीदाबाद, जेवर एयरपोर्ट के नजदीक)
- हिसार (हिसार एयरपोर्ट के पास)
- सिरसा
- भिवानी
- नारनौल
- जींद
- कैथल
- अंबाला
इन जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने का मुख्य उद्देश्य उद्योगों को हाईवे और एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ना है. जिससे लॉजिस्टिक्स की लागत कम हो और व्यापार को नई उड़ान मिले.
जमीनों के दाम में आएगा उछाल
जिन इलाकों में टाउनशिप बनेंगी. वहां जमीनों के भाव तेजी से बढ़ने की संभावना है. निवेशकों और किसानों दोनों के लिए यह सुनहरा मौका है. जिनके पास इन इलाकों में जमीनें हैं, उनकी संपत्ति का मूल्य काफी बढ़ जाएगा. साथ ही नए निवेशकों को भी भविष्य में अच्छे रिटर्न की उम्मीद रहेगी.
एक्सप्रेसवे और हाईवे से सीधी कनेक्टिविटी का मिलेगा लाभ
इन टाउनशिप को प्रमुख एक्सप्रेसवे और हाईवे के नजदीक बसाया जाएगा. जिससे इंडस्ट्रीज को माल ढुलाई में सुगमता होगी. इससे औद्योगिक इकाइयों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और हरियाणा देश के शीर्ष औद्योगिक राज्यों में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा.
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा कई जिलों का विकास
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित होने वाले औद्योगिक क्लस्टर में ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे भारी उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसका सीधा फायदा गुरुग्राम, कैथल और जींद जिलों को मिलेगा. इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश आने की संभावना जताई जा रही है.
नारनौल-अंबाला हाईवे
नारनौल-अंबाला हाईवे को छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए आदर्श माना जा रहा है. इस रूट पर लोकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, पैकेजिंग वर्कशॉप्स और ट्रांसपोर्ट आधारित सेवाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतरीन अवसर मिलेंगे.
डबवाली-पानीपत हाईवे
डबवाली-पानीपत हाईवे पर फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है. सिरसा, हिसार और भिवानी जैसे जिले इस पहल का सीधा लाभ उठाएंगे. यहां आधुनिक औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे. जिससे तकनीकी कंपनियों और स्टार्टअप्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
गुरुग्राम और फरीदाबाद बनेंगे औद्योगिक शक्ति केंद्र
गुरुग्राम और फरीदाबाद को इस पूरे प्रोजेक्ट में विशेष फोकस दिया गया है. ये दोनों शहर पहले से ही टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और सर्विस सेक्टर के बड़े केंद्र हैं. दिल्ली-NCR के नजदीक होने के चलते इनकी भौगोलिक स्थिति और भी ज्यादा मजबूत हो जाती है. आने वाले समय में गुरुग्राम और फरीदाबाद इंडस्ट्रियल और इनोवेशन हब के तौर पर और तेजी से उभरेंगे.
एमएसएमई और मेक इन इंडिया को मिलेगा जबरदस्त सपोर्ट
हरियाणा सरकार की इस योजना से एमएसएमई (MSME) सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिलेगा. छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा. जिससे वे भी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ जैसी पहलों में सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे. इससे हरियाणा के उत्पादों की देश और विदेश में पहचान बढ़ेगी.
रोजगार के अवसरों में आएगी भारी बढ़ोतरी
नई टाउनशिप्स के बनने से राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. निर्माण कार्य से लेकर फैक्ट्री संचालन, लॉजिस्टिक्स, मार्केटिंग, सर्विस सेक्टर और सप्लाई चेन तक हर क्षेत्र में नौकरियां निकलेंगी. इससे प्रदेश के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही अच्छे रोजगार मिल सकेंगे। जिससे पलायन भी रुकेगा.
सरकार का लक्ष्य
हरियाणा सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि वह राज्य को देश का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बनाए. इसके लिए लगातार औद्योगिक नीतियों में सुधार किया जा रहा है और निवेशकों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. नई इंडस्ट्रियल टाउनशिप्स इसी दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम हैं, जो आने वाले वर्षों में हरियाणा की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे.