Land Rates Increase: हरियाणा वासियों के लिए एक बेहद खुशखबरी है. केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश को 5700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एक नए रेलवे कॉरिडोर की सौगात मिली है. यह रेलवे प्रोजेक्ट न केवल यातायात व्यवस्था को मजबूत करेगा. बल्कि इससे जुड़े जिलों में विकास और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे. 126 किलोमीटर लंबा यह रेलवे कॉरिडोर पलवल को मानेसर और सोनीपत से जोड़ेगा.
रेलवे कॉरिडोर से जुड़े 16 प्रमुख स्टेशन
इस रेलवे कॉरिडोर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके अंतर्गत 16 नए या आधुनिकीकृत स्टेशन बनाए जाएंगे. इसमें शामिल स्टेशन हैं:
सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, IMT मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल.
इन स्टेशनों का निर्माण क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को सीधी सुविधा मिलेगी.
ट्रैफिक दबाव होगा कम, NCR को मिलेगा बड़ा लाभ
इस रेलवे कॉरिडोर का एक प्रमुख उद्देश्य है दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक दबाव को कम करना. वर्तमान में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भारी वाहनों और यात्री ट्रेनों की अधिकता से जाम की स्थिति बनी रहती है. यह कॉरिडोर इस दबाव को कम करेगा और यात्रियों को एक तेज, सुरक्षित और सीधी रेल सेवा प्रदान करेगा.
पलवल, मानेसर, सोनीपत और नूंह जैसे क्षेत्रों को इसका विशेष लाभ मिलेगा.
पहले चरण में धुलावट से बादशाह तक बिछेगा दोहरी इलेक्ट्रिक ट्रैक
रेलवे परियोजना के पहले चरण में धुलावट से बादशाह तक 29.5 किलोमीटर लंबा दोहरी इलेक्ट्रिक ट्रैक बिछाया जाएगा. यह एक आधुनिक रेलवे लाइन होगी जिसमें तेज रफ्तार ट्रेनों के संचालन की सुविधा होगी. इलेक्ट्रिक ट्रैक से न केवल ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा और संचालन खर्च में कमी आएगी.
पलवल, सोनीपत, झज्जर और गुरुग्राम को मिलेगा सीधा फायदा
इस रेलवे कॉरिडोर से हरियाणा के चार प्रमुख जिलों – पलवल, सोनीपत, झज्जर और गुरुग्राम को सीधा लाभ पहुंचेगा. इन जिलों की आबादी और औद्योगिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं. बेहतर रेल कनेक्टिविटी से लोग अब अपने व्यवसाय स्थल, फैक्ट्रियों और ऑफिस तक आसानी से पहुंच सकेंगे, जिससे उत्पादकता और सुविधा दोनों में इजाफा होगा.
रियल एस्टेट और जमीन के दाम में दिखेगा बड़ा उछाल
जहां रेलवे लाइन जाती है, वहां जमीनों के दाम खुद-ब-खुद बढ़ जाते हैं. इस रेलवे कॉरिडोर के साथ लगते गांवों और शहरों में जमीनों के रेट आसमान छू सकते हैं. यह मौका खास तौर पर उन निवेशकों और किसानों के लिए फायदेमंद होगा जिनकी जमीन इस रेल मार्ग के नजदीक है. इससे न केवल रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार और व्यावसायिक अवसर
रेलवे कॉरिडोर बनने से निर्माण कार्य में हजारों मजदूरों, इंजीनियरों और अन्य श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, तब स्टेशनों पर संचालन, रखरखाव, सुरक्षा और अन्य सेवाओं में भी स्थायी नौकरियों के अवसर उत्पन्न होंगे. इसके अतिरिक्त, स्टेशन के आसपास दुकानें, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, होटल, ढाबे आदि व्यवसाय भी पनपेंगे.
निवेशकों के लिए बन रहा है सकारात्मक माहौल
सरकार की इस पहल से हरियाणा में निवेश का माहौल और मजबूत हुआ है. कनेक्टिविटी अच्छी होने पर विदेशी और घरेलू कंपनियां ऐसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए उत्साहित होती हैं. खासकर IMT मानेसर, सोनीपत और पलवल जैसे इंडस्ट्रियल बेल्ट में इस प्रोजेक्ट के बाद नया जोश देखने को मिल सकता है.
कॉरिडोर से जुड़े अन्य लाभ
यह रेलवे कॉरिडोर केवल यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि मालगाड़ियों के संचालन के लिए भी बेहद फायदेमंद होगा. इससे उद्योगों को कच्चा माल और तैयार माल लाने-ले जाने में समय और लागत की बचत होगी. साथ ही यात्री सेवाओं की भी गुणवत्ता सुधरेगी.