Flight Delay Complaint: हरियाणा के गुरुग्राम जिले के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक अहम फैसले में इंटर ग्लोब एविएशन (इंडिगो) को सेवा में लापरवाही का दोषी मानते हुए शिकायतकर्ता को मुआवजा देने का निर्देश दिया है. आयोग ने एयरलाइन को ₹15,000 मुआवजा और ₹10,000 मुकदमे का खर्च अदा करने का आदेश दिया है.
84 हजार रुपये देकर बुक की थी इंटरनेशनल फ्लाइट
शिकायतकर्ता तलविंदर सिंह सैनी, रायपुर खुर्द के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली से अमेरिका के नैशविले जाने के लिए अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट बुक कराई थी. इस टिकट की कुल कीमत ₹84,374 थी और यह फ्लाइट 1 फरवरी 2024 की रात 12:20 बजे दिल्ली से रवाना होने वाली थी.
समय से पहले पहुंचने के बावजूद मिस हुई उड़ान
तलविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें फ्लाइट डिपार्चर से दो घंटे पहले एयरपोर्ट पर रिपोर्ट करना था, इसलिए उन्होंने 29 जनवरी को चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए इंडिगो की शाम 6:45 बजे की फ्लाइट बुक कराई थी, जो तय समयानुसार अगली सुबह 8:00 बजे दिल्ली पहुंचनी थी. लेकिन इंडिगो की फ्लाइट तय समय से काफी देर से रवाना हुई. जिससे उनकी इंटरनेशनल फ्लाइट मिस हो गई.
विमान में बैठाए रखा गया, फिर भी लेट हुई फ्लाइट
शिकायत में बताया गया कि यात्रियों को बोर्डिंग के बाद करीब दो घंटे तक विमान में बैठाए रखा गया. बोर्डिंग शाम 7:30 बजे शुरू हुई और विमान को रात 9:53 बजे उड़ान भरने का निर्देश मिला. फ्लाइट मात्र 40 मिनट हवा में रही और रात 11:00 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर गई. इस विलंब की वजह से तलविंदर अपनी अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट नहीं पकड़ सके.
नई फ्लाइट बुक करने पड़े ₹84,369
अमेरिका जाने की फ्लाइट छूटने के बाद तलविंदर सिंह को ऑनलाइन नई फ्लाइट बुक करनी पड़ी. जिसकी कीमत ₹84,369 थी. उन्होंने इसके लिए अलग से भुगतान किया और इसके लिए इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया.
इंडिगो ने खराब मौसम को बताया कारण
इंडिगो की तरफ से अपने बचाव में कहा गया कि खराब मौसम की वजह से फ्लाइट को 149 मिनट की देरी हुई थी. इस वजह से एयरलाइन ने देरी के लिए माफी मांगते हुए खुद को जिम्मेदार न मानने की बात कही.
आयोग ने माना – सेवा में लापरवाही, देना होगा मुआवजा
लेकिन गुरुग्राम उपभोक्ता आयोग ने कहा कि किसी भी स्थिति में यात्रियों को समय पर और सटीक जानकारी देना एयरलाइन की जिम्मेदारी होती है. आयोग ने माना कि सेवा में कोताही हुई है. जिससे उपभोक्ता को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा. इसलिए एयरलाइन को ₹15,000 बतौर मुआवजा और ₹10,000 मुकदमे की लागत देने का आदेश पारित किया गया.
उपभोक्ता अधिकारों की जीत
यह मामला केवल एक व्यक्ति की परेशानी नहीं है, बल्कि यह उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए एक मिसाल है. भारत में कई बार यात्री विमान सेवा प्रदाताओं की लापरवाही का शिकार होते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाती. इस निर्णय से यह साफ होता है कि अगर उपभोक्ता अपने अधिकारों के लिए लड़ता है, तो उचित कानूनी राहत मिल सकती है.
यात्रियों के लिए क्या है सबक?
इस घटना से यात्रियों को यह सीख मिलती है कि अगर उन्हें किसी एयरलाइन की लापरवाही से नुकसान होता है, तो वे उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. साथ ही यात्रा करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज और समय की सावधानी रखना बेहद जरूरी है.
क्या करें अगर आपकी फ्लाइट लेट हो जाए?
- उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करें
- फ्लाइट डिटेल्स और टिकट सुरक्षित रखें
- एयरलाइन द्वारा दिए गए ईमेल, मैसेज या नोटिस को सेव करें
- बोर्डिंग पास और अन्य रसीदें रखें
- अगर आर्थिक नुकसान हुआ है, तो उसका प्रमाण रखें