भारत के इस गांव का नाम पढ़ने में भी आएगी शर्म, घरवालों के सामने पढ़ा तो शर्म से मुंह हो जाएगा लाल Weird Village Names

Weird Village Names: भारत विविधताओं से भरा देश है. यहां की संस्कृति, खान-पान, पहनावा, भाषा और रीति-रिवाज हर कुछ एक-दूसरे से अलग और अनोखा है. लेकिन इस देश में कुछ ऐसी चीजें भी हैं जो अपनी विचित्रता के कारण लोगों का ध्यान खींचती हैं, जैसे कि अजब-गजब नाम वाले गांव. ऐसे नाम जिन पर सुनकर या तो हंसी आ जाए, या फिर लोग चौंक जाएं.

जब गांव का नाम बन जाए मजाक का कारण

नाम किसी की पहचान होता है, लेकिन जब वही नाम लोगों की परेशानी और शर्मिंदगी का कारण बन जाए तो हालात अलग हो जाते हैं. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कई गांव ऐसे हैं जिनके नाम इतने अजीब हैं कि वहां के लोग अपने पते को लेकर असहज महसूस करते हैं. इन गांवों के लोग अब समय-समय पर अपने गांव के नाम बदलने की मांग भी उठाते रहे हैं.

हरियाणा का ‘गंदा’ गांव

हरियाणा के फतेहाबाद जिले में स्थित ‘गंदा’ गांव का नाम सुनते ही लोग चौंक जाते हैं. यहां की एक छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गांव का नाम बदलने की मांग की थी.
उसका कहना था कि जब वह किसी प्रतियोगिता में भाग लेने जाती है और अपना गांव ‘गंदा’ बताती है तो लोग उसका मजाक उड़ाते हैं. इससे बच्चों और युवाओं का मनोबल टूटता है.

यह भी पढ़े:
School Closed बंद होने की कगार पर खड़े है 103 स्कूल, सरकार बना रही है नई योजना School Closed

रेवाड़ी का ‘लूला अहीर’

रेवाड़ी जिले का ‘लूला अहीर’ गांव भी अजीब नामों की सूची में आता है. यहां रहने वाले लोग भी कई बार गांव का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस नाम के कारण कई बार सरकारी दस्तावेजों में भी मजाक बनता है और विवाह जैसे मामलों में भी दिक्कतें आती हैं.

‘कुतियांवाली’ गांव

हिसार जिले का ‘कुतियांवाली’ गांव भी अपने नाम को लेकर चर्चा में रहा है. गांव की पंचायत ने एक बार गांव का नाम बदलकर ‘वीरपुर’ रखने का प्रस्ताव रखा था.
स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘कुतियांवाली’ जैसे नाम की वजह से उनके बच्चों को स्कूल में मजाक का सामना करना पड़ता है और बाकी जगहों पर भी लोग उन्हें नाम लेकर चिढ़ाते हैं.

‘चोरगढ़’ और ‘कुत्ताबढ़’ जैसे नाम भी हैं

हरियाणा और आसपास के राज्यों में ऐसे नाम वाले कई और गांव हैं जो चर्चा में रहते हैं, जैसे –

यह भी पढ़े:
5 June 2025 Ka Sona Chandi Ka Bhav सोने की कीमतें पहुंची 1 लाख के पार! जाने 24 कैरेट सोने का ताजा भाव Sona Chandi Ka Bhav
  • चोरगढ़: ऐसा नाम सुनते ही लगता है मानो गांव चोरों का अड्डा हो
  • कुत्ताबढ़: यहां का नाम सुनकर बाहरी लोग कई बार भ्रमित हो जाते हैं
  • लंडोरा: यह नाम भी लोगों में असहजता का कारण बन चुका है

इन गांवों के लोगों की भी यही मांग है कि गांव का नाम कुछ ऐसा हो जो सम्मान और गर्व की भावना को दर्शाए.

नाम से मिलती है पहचान, पर अपमान नहीं

गांवों के इन नामों को लेकर लोगों की भावनाएं बहुत जुड़ी होती हैं. लेकिन जब नाम सम्मान की जगह मजाक का कारण बन जाए तो बदलाव जरूरी हो जाता है. हालांकि नाम बदलने की प्रक्रिया आसान नहीं होती. इसके लिए सरकार को ग्राम पंचायत की अनुशंसा, आम सहमति, जिलाधिकारी की रिपोर्ट और अंत में गृह मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है.

क्या कहते हैं इतिहास और समाजशास्त्री?

इतिहासकारों के मुताबिक, ये नाम वर्षों पुराने हो सकते हैं जो कभी किसी विशेष घटना, जातीय समूह, पेशा या स्थान की पहचान पर आधारित थे.
जैसे –

यह भी पढ़े:
hidden hill stations India मनाली से थोड़ी दूर है ये खूबसूरत जगह, गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए बेस्ट जगह Hidden Hill Stations
  • ‘कुतियांवाली’ संभवतः किसी पुराने किस्से या विशिष्ट पहचान के चलते पड़ा हो.
  • ‘लूला अहीर’ शायद अहीर जाति के किसी व्यक्ति के नाम से जुड़ा हो.
    समय बदल गया है, पर नाम जस का तस है – और यही आज लोगों के लिए शर्मिंदगी का कारण बन रहा है.

नाम बदलने से क्या बदल जाएगा?

नाम बदलने से गांव की स्थिति, विकास या मूलभूत सुविधाएं नहीं बदलेंगी – यह बात सही है. लेकिन अगर एक सकारात्मक पहचान मिलती है जिससे गांव के लोगों का आत्मविश्वास बढ़े और वे गर्व के साथ अपना नाम ले सकें, तो बदलाव जरूरी है. बच्चों की पढ़ाई, नौकरियों में आवेदन और शादी-ब्याह जैसे मामलों में नाम बहुत मायने रखता है. इसीलिए गांवों के नाम बदलने की मांग आज केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यावहारिक जरूरत बन चुकी है.

Leave a Comment

Whatsapp ग्रुप से जुड़े