Indian Railways: हाल ही में भारतीय रेलवे ने ड्यूटी के दौरान लोको पायलटों द्वारा शौचालय ब्रेक के लिए आधे घंटे की छुट्टी की मांग को खारिज कर दिया था. हालांकि अब रेलवे ने लोको पायलटों की सुविधा के लिए बड़ा कदम उठाते हुए ट्रेन इंजनों के डिजाइन में बदलाव करने का फैसला किया है. इस बदलाव के तहत अब इंजनों में टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. ताकि लोको पायलटों को ट्रेन संचालन के दौरान किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. पहले लोको पायलट्स के एक समूह ने आधे घंटे के विश्राम की अनुमति मांगी थी. जिसमें स्वाभाविक क्रियाओं को पूरा करने की मांग भी शामिल थी.
महिला लोको पायलटों को मिलेगा सबसे बड़ा लाभ
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इंजन में टॉयलेट की व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा महिला लोको पायलटों को मिलेगा. अब सभी नए इंजनों में निर्माण के समय ही शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. इस फैसले को भारतीय रेलवे ने कर्मचारियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है. महिला लोको पायलटों के लिए यह सुविधा खासतौर पर महत्वपूर्ण होगी. जिससे उन्हें लंबे समय तक बिना असुविधा के ड्यूटी कर पाने में मदद मिलेगी. रेलवे ने इस दिशा में आंतरिक स्तर पर दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं.
रनिंग रूम में एसी और बेहतर सुविधाओं की शुरुआत
लोको पायलटों की कार्यशैली को और अधिक आरामदायक बनाने के लिए रेलवे अन्य महत्वपूर्ण कदम भी उठा रहा है. अब सभी रनिंग रूम्स में एयर कंडीशनर (AC) लगाए जा रहे हैं, ताकि पायलटों को ड्यूटी के बीच आरामदायक वातावरण मिल सके. जहां ट्रेनों की आवाजाही अधिक है. वहां नए और आधुनिक रनिंग रूम भी बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा लोको केबिन में भी पायलटों के लिए सुविधाओं को बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इन कदमों से लोको पायलटों की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य दोनों को लाभ मिलेगा.
लोको पायलटों के इंजन न छोड़ने के नियम की चुनौती
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लोको पायलटों, खासकर महिला पायलटों को ड्यूटी के दौरान बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि नियम के अनुसार पायलट अपनी ड्यूटी पूरी होने से पहले इंजन छोड़कर नहीं जा सकते. मौजूदा व्यवस्था में पायलट केवल किसी स्टेशन पर रुकने के बाद स्टेशन के टॉयलेट का उपयोग कर सकते हैं. इस कारण ड्यूटी के दौरान उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ता था. रेलवे द्वारा इंजन में शौचालय की सुविधा देने का निर्णय लोको पायलटों के इस लंबे समय से चले आ रहे दर्द को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएगा. मालगाड़ी के पायलटों को इस समस्या का सबसे अधिक सामना करना पड़ता था. क्योंकि उनकी यात्राएं आमतौर पर लंबी और बिना ठहराव के होती हैं.
लोको पायलटों ने फैसले पर जताई खुशी
रेलवे के इस फैसले से लोको पायलटों में खुशी का माहौल है. उनका कहना है कि यह कदम उनकी कार्य स्थितियों को और बेहतर बनाएगा और लंबे समय से चली आ रही एक गंभीर समस्या का समाधान करेगा. लोको पायलट्स ने रेलवे के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा. बल्कि ट्रेन संचालन के दौरान उनका ध्यान भी पूरी तरह से कार्य पर केंद्रित रहेगा. कर्मचारी संगठनों ने भी इस पहल को कर्मचारियों की भलाई की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम बताया है.