बच्चे पैदा करने के मामले में ये राज्य है आगे, नाम सुनकर तो नही होगा विश्वास Birth Registration India

Birth Registration India: 2022 में भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की कुल संख्या लगभग 2.5 करोड़ रही, जो देश की आबादी और जनसांख्यिकीय बदलावों का बड़ा संकेत है. नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि देश के अलग-अलग राज्यों में जन्म दर में बड़ा अंतर देखा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश सबसे आगे, बिहार दूसरे स्थान पर

रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2022 में सबसे अधिक 54.4 लाख बच्चों के जन्म पंजीकृत किए गए. इसके बाद बिहार में 30.7 लाख और महाराष्ट्र में 19.2 लाख जन्म दर्ज किए गए. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि उत्तर भारत के राज्य आज भी उच्च प्रजनन दर बनाए हुए हैं.

दक्षिण भारत में जन्म दर में गिरावट, क्या हैं कारण?

दक्षिण भारत के राज्यों – केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक – में जन्मों की संख्या तुलनात्मक रूप से काफी कम रही. जैसे कि:

यह भी पढ़े:
Lado Lakshmi Yojana 2025 महिलाओं को प्रतिमाह सरकार देगी 2100 रूपए, आवेदन करने के लिए इन डॉक्युमेंट की पड़ेगी ज़रूरत Lado Lakshmi Yojana
  • तमिलनाडु: 9.4 लाख
  • कर्नाटक: 10.4 लाख
  • आंध्र प्रदेश: 7.5 लाख
  • तेलंगाना: 7 लाख
  • केरल: सिर्फ 4.4 लाख

यह आंकड़े बताते हैं कि इन राज्यों में जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है, जो जनसंख्या नियंत्रण नीतियों की सफलता का भी संकेत है.

प्रजनन दर में गिरावट, लेकिन आबादी में इजाफा जारी

हाल ही में जारी विश्व जनसंख्या नीति रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कुल आबादी 2025 के अंत तक 1.46 अरब तक पहुंच सकती है. जबकि प्रजनन दर घटकर 1.9 रह गई है. इसका मतलब है कि हर महिला औसतन 1.9 बच्चों को जन्म दे रही है, जो कि स्थिर जनसंख्या स्तर (2.1) से नीचे है.

यूपी और बिहार में प्रजनन दर क्यों बनी हुई है अधिक?

उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में साक्षरता दर, स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता की कमी अब भी उच्च जन्म दर का कारण बनी हुई है. गरीबी, सामाजिक संरचना और परंपरागत सोच भी इस प्रवृत्ति को प्रभावित करती हैं.

यह भी पढ़े:
PM Ujjwala Yojana 2025 महिलाओं को सरकार दे रही है मुफ्त गैस सिलेंडर, इन डॉक्युमेंट को कर ले तैयार PM Ujjwala Yojana 3.0

दशक भर में उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी वृद्धि

2013 से 2022 के बीच, उत्तर प्रदेश में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं बिहार में भी जन्म दर में तेज़ उछाल आया है, जो एक दशक में लगभग दोगुना हो गया. यह दर्शाता है कि उत्तर भारत में जनसंख्या वृद्धि अब भी ऊंचे स्तर पर है.

मध्य प्रदेश राजस्थान में भी नजर आई स्थिर वृद्धि

मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में धीमी लेकिन स्थिर बढ़त देखी गई है. यह राज्य भी अब जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के मुकाबले अभी भी पीछे हैं.

महाराष्ट्र बना अपवाद, उच्च प्रजनन दर के साथ स्थिर आंकड़े

हालांकि महाराष्ट्र में 19.2 लाख जन्म पंजीकृत हुए, लेकिन पिछले वर्षों के मुकाबले यहां गंभीर उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया. राज्य की फर्टिलिटी रेट अपेक्षाकृत स्थिर रही है, जो इसे एक संतुलित जनसंख्या वृद्धि वाला राज्य बनाता है.

यह भी पढ़े:
Unmarried Pension Yojana 2025 अविवाहित पुरुष और महिलाओं को मिलेगी सरकारी पेंशन, हर महीने खाते में आएंगे 2750 रूपए Unmarried Pension Yojana

नीति निर्धारण के लिए अहम संकेत

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि नीति निर्माताओं को अब क्षेत्रीय असमानताओं पर अधिक ध्यान देना होगा. जहां दक्षिणी राज्य जनसंख्या नियंत्रण में सफल हो रहे हैं. वहीं उत्तर भारत में चुनौती अभी भी बरकरार है.

शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता है समाधान की कुंजी

विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रजनन दर में कमी लाने के लिए शिक्षा, महिलाओं को सशक्त बनाना और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं बेहद जरूरी हैं. साथ ही लंबी अवधि के लिए टिकाऊ विकास की योजनाएं बनाना भी अनिवार्य है.

यह भी पढ़े:
Nirvah Bhatta Yojana 2025 मजदूरों को हर हफ्ते सरकार देगी 2539 रूपए, घर बैठे ऐसे करे आवेदन Nirvah Bhatta Yojana

Leave a Comment

Whatsapp ग्रुप से जुड़े