E-Bike Maintenance Tips: भारत में पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है. ऐसे समय में इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल एक सस्ता और स्मार्ट विकल्प बनकर उभरी है. पिछले कुछ महीनों में दोपहिया वाहन बाजार में ई-बाइक की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है. ये बाइक न केवल खर्चे में किफायती हैं. बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं.
माइलेज और तकनीक ने बदली सोच
ई-बाइक को लेकर लोगों का नजरिया तेजी से बदल रहा है. पहले जहां इन पर भरोसा कम था. वहीं अब तकनीक में सुधार और एक बार चार्ज में ज्यादा रेंज मिलने की वजह से लोग इन्हें ज्यादा पसंद कर रहे हैं. कुछ ई-बाइक एक बार फुल चार्ज होने पर 100 से 150 किलोमीटर तक चल सकती हैं. जो रोजमर्रा के कामों के लिए काफी है.
बैटरी का सही इस्तेमाल जरूरी, वरना घटेगी लाइफ
ई-बाइक की बैटरी सबसे महंगा और महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. लेकिन कई लोग बैटरी को जीरो तक इस्तेमाल करने की गलती कर बैठते हैं, जो नुकसानदायक हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार जब बैटरी 10% से 20% के बीच हो, तभी उसे चार्ज कर लेना चाहिए. इससे बैटरी की परफॉर्मेंस बनी रहती है और उसकी उम्र भी बढ़ती है.
फास्ट चार्जिंग नहीं, नॉर्मल चार्जिंग है बेहतर विकल्प
आजकल अधिकतर इलेक्ट्रिक बाइकों में फास्ट चार्जिंग का विकल्प मिलता है. लेकिन इसका बार-बार इस्तेमाल बैटरी की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. नॉर्मल यानी धीमी चार्जिंग बैटरी को अंदर से कम नुकसान पहुंचाती है और लंबे समय तक चलने में मदद करती है. फास्ट चार्जिंग केवल इमरजेंसी में ही करनी चाहिए.
समय-समय पर सर्विसिंग से बढ़ेगी बाइक की लाइफ
जैसे पेट्रोल बाइक की सर्विसिंग जरूरी होती है. वैसे ही ई-बाइक की भी नियमित सर्विसिंग बहुत जरूरी है. समय पर मोटर, बैटरी, ब्रेक और इलेक्ट्रिक कनेक्शन की जांच करवाते रहना चाहिए. इससे किसी भी बड़ी खराबी से बचा जा सकता है और बाइक की उम्र भी बढ़ती है.
टायर में सही एयर प्रेशर से बढ़ती है रेंज
बहुत कम लोगों को पता होता है कि टायर का एयर प्रेशर भी बाइक की परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है. अगर टायर में हवा कम होगी, तो बाइक को चलाने में ज्यादा बैटरी खर्च होगी और रेंज कम हो जाएगी. इसलिए हफ्ते में एक बार टायर प्रेशर चेक करना चाहिए और उसे कंपनी के अनुसार बनाए रखना चाहिए.
ओवरलोडिंग से बचें, वरना परफॉर्मेंस होगी खराब
ई-बाइक को लेकर एक आम गलती यह भी होती है कि लोग उस पर जरूरत से ज्यादा वजन लाद देते हैं. ऐसा करने से बैटरी जल्दी खत्म होती है और मोटर पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है. इसलिए बाइक को निर्धारित वजन तक ही उपयोग करें. ताकि उसकी परफॉर्मेंस बनी रहे और किसी तरह की तकनीकी खराबी न आए.
चार्जिंग सेफ्टी का भी रखें ध्यान
ई-बाइक को चार्ज करते समय सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. बाइक को कभी भी खुले या बारिश वाले स्थान में चार्ज न करें. चार्जिंग के समय सही पावर सॉकेट और ऑथेंटिक चार्जर का ही इस्तेमाल करें. लोकल चार्जर या खराब वायर से शॉर्ट सर्किट का खतरा रहता है. जो जानलेवा भी हो सकता है.
वारंटी और कस्टमर सर्विस की जानकारी रखें
ई-बाइक खरीदते समय उसकी बैटरी और मोटर पर मिलने वाली वारंटी की जानकारी जरूर लें. साथ ही कंपनी की सर्विसिंग फैसिलिटी और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता पर भी नजर रखें. अच्छे ब्रांड की बाइक लेने से बाद में परेशानी कम होती है और सर्विस सपोर्ट बेहतर मिलता है.
मोबाइल ऐप से मॉनिटरिंग आसान
आजकल कई ई-बाइक ब्रांड्स अपनी बाइकों के लिए मोबाइल ऐप भी उपलब्ध कराते हैं. जिससे आप बैटरी की स्थिति, रेंज, चार्जिंग हिस्ट्री और यहां तक कि बाइक की लोकेशन भी ट्रैक कर सकते हैं. यह तकनीक न केवल सहूलियत देती है बल्कि आपको बेहतर मेंटेनेंस में भी मदद करती है.
ई-बाइक अपनाएं, पर्यावरण को बचाएं
ई-बाइक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये कार्बन उत्सर्जन नहीं करतीं. जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता. अगर हर व्यक्ति पेट्रोल की जगह इलेक्ट्रिक वाहन अपनाए तो प्रदूषण काफी हद तक कम हो सकता है. सरकार भी अब ई-व्हीकल्स पर सब्सिडी और चार्जिंग स्टेशन की सुविधा बढ़ा रही है.