Fastag Rules: आज के समय में लॉन्ग ड्राइव या हाईवे ट्रिप पर समय की बचत के लिए फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल आम हो गया है. फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगी होती है. इसे वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है और यह आपके बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से जुड़ा होता है. टोल प्लाजा पर फास्टैग को स्कैन करते ही टोल शुल्क अपने आप कट जाता है. जिससे ना केवल समय की बचत होती है बल्कि ईंधन भी बचता है.
फास्टैग में इन गलतियों से हो सकती है बड़ी परेशानी
हालांकि अगर फास्टैग का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया तो वाहन चालकों को भारी जुर्माना और दोगुना टोल टैक्स भी चुकाना पड़ सकता है. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार फास्टैग से जुड़ी कई अहम बातें जाननी जरूरी हैं.
ब्लैकलिस्ट फास्टैग पर देना होगा दोगुना टैक्स
NPCI के 28 जनवरी 2025 के सर्कुलर के अनुसार अगर फास्टैग रीडिंग से एक घंटे पहले या रीडिंग के 10 मिनट बाद तक ब्लैकलिस्टेड रहता है, तो आपका टोल भुगतान नहीं हो पाएगा. ऐसी स्थिति में वाहन चालक को दोगुना टोल शुल्क अदा करना पड़ेगा. इसलिए यात्रा से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका फास्टैग सक्रिय और वैध स्थिति में हो.
अपर्याप्त बैलेंस भी बनेगा जुर्माने की वजह
यदि आपके फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है या कोई तकनीकी समस्या है, तो टोल प्लाजा पर ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है. ऐसे मामलों में भी फास्टैग के जरिए भुगतान नहीं हो पाता और वाहन चालक को नकद में दोगुना टोल शुल्क देना पड़ सकता है. फास्टैग में बैलेंस कम होने की स्थिति से बचने के लिए यात्रा से पहले बैलेंस चेक करना बेहद जरूरी है.
डैमेज या खराब फास्टैग से हो सकती है परेशानी
अगर फास्टैग क्षतिग्रस्त (Damaged) हो जाता है या विंडस्क्रीन पर सही तरीके से नहीं चिपका है, तो स्कैनिंग में दिक्कत आ सकती है. ऐसे में फास्टैग से टोल कट नहीं पाएगा और वाहन चालक को जुर्माने के साथ कैश में भुगतान करना पड़ेगा. खासकर मुंबई में 1 अप्रैल 2025 से सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है. इसलिए खराब फास्टैग को समय रहते बदलवाना बहुत जरूरी हो गया है.
गलत पोजीशन पर लगाया फास्टैग भी बनेगा परेशानी का कारण
फास्टैग को गाड़ी की विंडशील्ड पर सही पोजिशन में चिपकाना बेहद जरूरी है. अगर फास्टैग सही जगह नहीं लगा है या स्कैनिंग मशीन से ठीक से संपर्क नहीं हो पाता, तो ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है और आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है. इसलिए फास्टैग को विंडस्क्रीन के बीचोंबीच और सही ऊंचाई पर लगाने का ध्यान रखें.
एक वाहन पर मल्टीपल फास्टैग न करें लिंक
अगर गलती से आपकी गाड़ी से एक से ज्यादा फास्टैग लिंक हो गए हैं, तो डबल डिडक्शन (Double Deduction) की समस्या हो सकती है. इससे न केवल आपके पैसे कट सकते हैं, बल्कि एनएचएआई (NHAI) ने इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए जुर्माने का प्रावधान भी रखा है. मल्टीपल फास्टैग से बचने के लिए एक ही फास्टैग को एक्टिव रखें और पुराने फास्टैग को डीएक्टिवेट करवा दें.
पेनाल्टी से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
- यात्रा पर निकलने से पहले फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस जरूर रखें.
- फास्टैग की केवाईसी (KYC) अपडेट रखें ताकि ब्लैकलिस्टिंग से बचा जा सके.
- फास्टैग की स्थिति को चेक करें और अगर डैमेज है तो नया फास्टैग जल्द से जल्द प्राप्त करें.
- गाड़ी पर केवल एक ही एक्टिव फास्टैग लिंक करें.
- फास्टैग को सही जगह पर लगाएं ताकि स्कैनिंग में कोई दिक्कत न आए.
मिनिमम बैलेंस रखने का नियम
एनएचएआई ने फास्टैग वॉलेट के लिए न्यूनतम बैलेंस रखने के पुराने नियम को हटा दिया है. यानी अब आपके फास्टैग वॉलेट में न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं है. लेकिन यात्रा को आसान और बिना बाधा के बनाए रखने के लिए फास्टैग वॉलेट में कम से कम ₹100 का बैलेंस रखना समझदारी होगी. इससे किसी भी अप्रत्याशित समस्या से बचा जा सकता है और आप बेफिक्र होकर सफर कर सकते हैं.