RMCL Heatwave Advisory: राजस्थान में गर्मी लगातार अपने भीषण रूप में है. तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने लगा है और हीटवेव का खतरा आमजन के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. इस परिस्थिति में राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने राज्य भर में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति पर गंभीर रुख अपनाया है. कॉर्पोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा गिरी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि दवाओं, उपकरणों और ऑक्सीजन की आपूर्ति में किसी भी तरह की कोताही न हो. साथ ही जहां भी लापरवाही मिलेगी, सीधी कार्रवाई की जाएगी.
डूंगरपुर जिला औषधि भंडार प्रभारी को थमा नोटिस
हीटवेव को देखते हुए जब व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई, तो डूंगरपुर जिले के औषधि भंडार में वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक मांग में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं. इसके चलते डूंगरपुर जिला औषधि भंडार प्रभारी अधिकारी और संबंधित चिकित्सा संस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार और विभाग अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा. खासकर जब बात मानव जीवन से जुड़ी मेडिकल व्यवस्थाओं की हो.
दवाओं की आपूर्ति और मांग में न हो गैप
प्रबंध निदेशक ने यह साफ तौर पर कहा है कि चिकित्सा संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए. किसी भी क्षेत्र में दवाओं की मांग और आपूर्ति के बीच गैप नहीं होना चाहिए. क्योंकि गर्मी के मौसम में बीमारियों की आशंका अधिक होती है. विशेषकर हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, लू और वायरल बीमारियों के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाएं और इलेक्ट्रोलाइट्स की पर्याप्त मात्रा हर अस्पताल और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में होनी चाहिए.
इन बिंदुओं पर विशेष फोकस
हीटवेव के दौरान जनता को समय पर इलाज और संसाधन मिल सकें, इसके लिए RMSC ने निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है:
- भंडार गृह और औषधियों के प्रबंधन की निगरानी
- सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- उपकरणों के नियमित रखरखाव की व्यवस्था
- खराब या बंद उपकरणों की त्वरित मरम्मत
- महंगी औषधियों की सघन मॉनिटरिंग
- जीरो एक्सपायरी पॉलिसी का सख्त पालन
- स्थानीय स्तर पर खरीदी जाने वाली औषधियों की निगरानी
इन सभी दिशा-निर्देशों का उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति लापरवाही की वजह से इलाज से वंचित न रह जाए.
लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता पर रहेगा खास ध्यान
गर्मी के मौसम में कई बार हीट स्ट्रोक या अन्य बीमारियों के कारण मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए. लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता पर खास फोकस किया जा रहा है. नेहा गिरी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि राज्य भर के सभी मेडिकल संस्थानों में ऑक्सीजन सिलेंडर और लिक्विड स्टोरेज टैंक की स्थिति नियमित रूप से जांची जाए.
महंगी औषधियों और उपकरणों पर होगी सघन निगरानी
RMSCL ने महंगी दवाओं और मेडिकल उपकरणों को लेकर सख्त रुख अपनाया है. कई बार संस्थान आवश्यकता से अधिक दवाएं मंगवाते हैं जो एक्सपायर होकर बर्बाद हो जाती हैं.
इसे रोकने के लिए अब सघन मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की जाएगी और हर खरीद को स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप ही स्वीकृति दी जाएगी.
जीरो एक्सपायरी पॉलिसी पर सख्ती से होगा अमल
आरएमएससीएल की जीरो एक्सपायरी पॉलिसी का सीधा उद्देश्य यह है कि राज्य में कोई भी दवा बिना उपयोग के खराब न हो. इसके लिए हर स्तर पर दवा स्टॉक की निगरानी और त्वरित वितरण प्रणाली पर काम किया जा रहा है. अब जिलों को जरूरत के अनुसार ही दवा भेजी जाएगी और समय-समय पर उनकी रिपोर्टिंग अनिवार्य होगी.