Air Conditioner Electricity Cost: गर्मी के मौसम में राहत पाने के लिए अब ज्यादातर घरों में एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल आम हो गया है। चाहे छोटा कमरा हो या बड़ा, तपती गर्मी से बचने के लिए एसी एक जरूरी उपकरण बन चुका है। लेकिन एसी के साथ सबसे बड़ी चिंता होती है बढ़ता हुआ बिजली का बिल। आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि अगर आप रोजाना 8 घंटे 1.5 टन का एसी चलाते हैं तो महीने के आखिर में आपको बिजली का बिल कितना ज्यादा चुकाना पड़ सकता है।
1.5 टन एसी क्यों होता है सबसे ज्यादा पसंद ?
सामान्य तौर पर, एक मध्यम आकार के कमरे के लिए 1.5 टन का एयर कंडीशनर सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह न सिर्फ अच्छी कूलिंग देता है बल्कि बिजली की खपत भी सीमित रखता है, खासकर अगर आप 5 स्टार रेटिंग वाला एसी खरीदते हैं। यही वजह है कि ज्यादातर घरों में 1.5 टन क्षमता का एसी लगाया जाता है।
एसी की बिजली खपत किस पर निर्भर करती है ?
एसी की बिजली खपत मुख्य रूप से उसकी स्टार रेटिंग पर निर्भर करती है।
- 2 या 3 स्टार एसी अधिक बिजली खर्च करते हैं।
- 5 स्टार एसी कम बिजली की खपत करते हैं।
इसलिए हमेशा कोशिश करें कि आप 5 स्टार रेटिंग वाला एसी चुनें ताकि बिजली का बिल काबू में रहे।
अगर 1.5 टन का 5 स्टार एसी रोज 8 घंटे चले तो कितना बिल आएगा ?
आइए अब जानते हैं 1.5 टन के 5 स्टार रेटिंग वाले एसी के हिसाब से बिजली बिल का अनुमान:
- 1.5 टन का 5 स्टार एसी प्रति घंटे करीब 840 वाट यानी 0.84 यूनिट बिजली खर्च करता है।
- अगर आप इसे रोजाना 8 घंटे चलाते हैं तो:
- 0.84 यूनिट × 8 = 6.72 यूनिट प्रति दिन बिजली खर्च होगी।
- यदि बिजली की दर आपके इलाके में औसतन 8 रुपये प्रति यूनिट है तो:
- 6.72 यूनिट × 8 रुपये = 53.76 रुपये प्रति दिन का खर्च।
अब महीने भर के लिए:
- 53.76 रुपये × 30 दिन = 1612.8 रुपये प्रति माह का अतिरिक्त बिल सिर्फ एसी के इस्तेमाल से आएगा।
अगर एसी दिनभर 24 घंटे चले तो क्या होगा ?
मान लीजिए यदि एसी को बिना रुके पूरे 24 घंटे चलाया जाए तो:
- 0.84 यूनिट × 24 = 20.16 यूनिट प्रति दिन।
- 20.16 यूनिट × 8 रुपये = 161.28 रुपये प्रति दिन का खर्च।
- पूरे महीने के लिए:
- 161.28 × 30 = 4838.4 रुपये प्रति माह सिर्फ एसी के लिए अतिरिक्त बिजली बिल देना होगा।
यानी, अगर एसी दिनभर चलता है तो बिल में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सकती है।
1 टन और 2 टन एसी में क्या फर्क होता है ?
जब एसी खरीदते हैं तो अक्सर ‘टन’ शब्द सुनने को मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी में ‘टन’ का मतलब वजन नहीं बल्कि ठंडक देने की क्षमता से है।
- 1 टन एसी उतनी ठंडक देता है जितनी 1 टन बर्फ पिघलने से मिलती है।
- इसी तरह 2 टन एसी दो टन बर्फ जितनी ठंडक देता है।
इसलिए, छोटे कमरे (100-150 स्क्वायर फीट) के लिए 1 टन एसी और बड़े कमरे (150-250 स्क्वायर फीट) के लिए 1.5 से 2 टन एसी बेहतर रहता है। गलत टन क्षमता वाला एसी न सिर्फ कूलिंग में दिक्कत करता है, बल्कि बिजली भी ज्यादा खपत करता है।
एसी चलाते समय बिजली बचाने के टिप्स
अगर आप चाहते हैं कि एसी का इस्तेमाल करते हुए बिजली का बिल भी कम आए तो इन टिप्स को अपनाएं:
- एसी का तापमान 24 से 26 डिग्री पर सेट करें।
- कमरे को पूरी तरह से बंद रखें ताकि ठंडी हवा बाहर न जाए।
- एसी के फिल्टर को समय-समय पर साफ कराएं।
- बिना जरूरत के एसी चालू न रखें।
- एनर्जी सेविंग मोड का इस्तेमाल करें।
- यदि संभव हो तो सीलिंग फैन के साथ एसी चलाएं, इससे एसी पर लोड कम पड़ेगा।
एसी से आराम भी और समझदारी भी जरूरी
गर्मी में एसी का इस्तेमाल करना जरूरी है लेकिन उसके साथ बढ़ते बिजली के बिल का भी ध्यान रखना जरूरी है। सही तरीके से एसी का इस्तेमाल करके आप न सिर्फ गर्मी से राहत पा सकते हैं, बल्कि बिजली का बिल भी काबू में रख सकते हैं। अगर आप 1.5 टन के 5 स्टार एसी को समझदारी से उपयोग करते हैं तो महीने का बिजली बिल 1500 से 2000 रुपये तक ही बढ़ेगा, जो गर्मी में राहत के मुकाबले बहुत ज्यादा नहीं है।