Car Actual Price: जब भी हम किसी कार शोरूम में जाते हैं वहां गाड़ी की एक कीमत होती है जिसे एक्स-शोरूम प्राइस कहते हैं. लेकिन जब आप उसी गाड़ी को खरीदने का बिल देखते हैं तो उसमें कई और खर्चे जुड़ चुके होते हैं – जैसे रोड टैक्स आरटीओ फीस इंश्योरेंस और एक्सेसरीज़ आदि. यही सब मिलकर बनाते हैं ऑन-रोड प्राइस जो असल में आपकी जेब से निकलने वाली रकम होती है. इस ऑन-रोड कीमत में कार डीलर का भी एक हिस्सा होता है जिसे मार्जिन कहते हैं. डीलर कार बेचकर जो मुनाफा कमाता है वो इसी मार्जिन से आता है.
कितना प्रॉफिट कमाते हैं कार डीलर्स?
अक्सर लोगों को लगता है कि डीलर एक कार पर भारी मुनाफा कमाते होंगे लेकिन सच्चाई थोड़ी अलग है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन (FADA) द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार भारत में कार डीलर्स को एक कार पर औसतन 2.9% से 7.49% तक का मार्जिन मिलता है. यह आंकड़ा गाड़ी के ब्रांड मॉडल और लोकेशन के हिसाब से ऊपर-नीचे हो सकता है. उदाहरण के लिए कुछ प्रीमियम ब्रांड्स कम मार्जिन देते हैं जबकि कुछ कंपनियां डीलर्स को ज्यादा मुनाफा देती हैं ताकि उनका नेटवर्क मजबूत बना रहे.
₹10 लाख की कार पर कितना कमाते हैं डीलर?
अगर आप ₹10 लाख एक्स-शोरूम कीमत वाली कोई कार खरीदते हैं और मान लेते हैं कि डीलर को उस पर 5% का मार्जिन मिल रहा है तो इसका मतलब डीलर को एक यूनिट बेचने पर ₹50,000 का सीधा प्रॉफिट होता है. हालांकि इसमें से भी कई खर्चे जैसे शोरूम मेंटेनेंस सेल्स स्टाफ की सैलरी सर्विस सेंटर का खर्चा प्रमोशन और डिस्काउंट जैसी चीज़ें जुड़ी होती हैं जो इस मुनाफे को प्रभावित करती हैं.
मार्जिन के अलावा कहां से कमाई करता है डीलर?
कार डीलर की कमाई सिर्फ कार बेचने तक सीमित नहीं होती. उसके कई और स्त्रोत भी होते हैं:
- इंश्योरेंस कमीशन: डीलर आपको इंश्योरेंस भी ऑफर करता है और उस पर कमीशन लेता है.
- एक्सेसरीज़ सेल्स: कार के साथ दिए जाने वाले मैट्स कवर म्यूजिक सिस्टम जैसे सामान से भी अच्छी कमाई होती है.
- फाइनेंस पार्टनरशिप: बैंक या एनबीएफसी के साथ साझेदारी से लोन दिलाने पर कमीशन मिलता है.
- एक्सचेंज ऑफर: पुरानी गाड़ी का मूल्य कम बताकर नया वाहन महंगे में बेचना जिससे डीलर को ज्यादा फायदा होता है.
किन कंपनियों की डीलरशिप देती है सबसे ज्यादा प्रॉफिट?
FADA की रिपोर्ट के अनुसार मारुति सुजुकी और एमजी मोटर्स जैसी कंपनियों की कारों पर डीलर सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाते हैं. इन ब्रांड्स की पॉपुलैरिटी तेज सेल्स और बेहतर डीलर सपोर्ट नेटवर्क इन्हें मुनाफे में बनाए रखता है.
- मारुति डीलरशिप: 5% से अधिक मार्जिन
- एमजी मोटर्स: 6% तक का मार्जिन
- हुंडई टाटा किया जैसी कंपनियां औसतन 3-5% का मार्जिन देती हैं
- होंडा टोयोटा और महिंद्रा में यह आंकड़ा थोड़ा कम रह सकता है
इलाके के हिसाब से भी बदलता है मार्जिन
एक दिलचस्प बात यह भी है कि अलग-अलग शहरों और राज्यों में एक ही ब्रांड की गाड़ी पर मिलने वाला मार्जिन अलग-अलग हो सकता है. मेट्रो सिटीज़ में डीलर को ज्यादा खर्च झेलना पड़ता है इसलिए वहां मार्जिन कम होता है. जबकि छोटे शहरों में ऑपरेशनल खर्च कम होने की वजह से मुनाफा थोड़ा ज्यादा हो सकता है.
ऑन-रोड प्राइस में ये चीज़ें बढ़ा देती हैं आपकी लागत
ऑन-रोड प्राइस कई फैक्टर से मिलकर बनता है जैसे:
- जीएसटी (GST): कार की कैटेगरी पर निर्भर करता है
- आरटीओ टैक्स: राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है
- इंश्योरेंस: थर्ड पार्टी या फुल कवरेज पॉलिसी
- हैंडलिंग चार्ज और लॉजिस्टिक फीस
- अतिरिक्त एक्सेसरीज़ और वारंटी
इन सभी को जोड़ने के बाद आपकी कार की कुल कीमत एक्स-शोरूम कीमत से काफी ऊपर पहुंच जाती है.
क्या ग्राहकों को मिल सकती है डीलर मार्जिन पर छूट?
हां कई बार आप डीलर से डिस्काउंट की डील कर सकते हैं खासकर:
- साल के आखिरी महीने में (क्लोजिंग ऑफर)
- स्टॉक क्लियरेंस सेल
- पुराना मॉडल स्टॉक में हो
- एक्सचेंज ऑफर के साथ
- कंपनी के प्रमोशनल डिस्काउंट्स
अगर आप स्मार्ट ग्राहक हैं और थोड़ी मोल-भाव करना जानते हैं तो डीलर अपने मार्जिन में से कुछ हिस्सा आपको छूट में दे सकता है.