Cash Limit Rules: अगर आप अपने घर या बिजनेस में बड़ी मात्रा में नकद (cash) रखते हैं और दिनभर का लेनदेन भी नकद में करते हैं तो अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए. इनकम टैक्स विभाग अब ऐसे सभी नकद लेनदेन पर गहरी नजर रख रहा है. अगर आपने तय सीमा से ज्यादा कैश में लेनदेन किया तो आपको आयकर विभाग की ओर से नोटिस भी मिल सकता है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
एक दिन में नकद लेनदेन की तय लिमिट क्या है?
इनकम टैक्स विभाग ने एक दिन में नकद लेने या देने की सीमा तय कर रखी है. आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 269ST के अनुसार आप एक दिन में एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से ज्यादा नकद नहीं ले सकते. यह नियम तीन परिस्थितियों में लागू होता है:
- एक ही व्यक्ति से एक दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा लेना मना है.
- किसी एक ट्रांजैक्शन में 2 लाख से ज्यादा नकद नहीं लिया जा सकता.
- एक ही मौके या कार्यक्रम (event) से जुड़े लेनदेन में 2 लाख से ज्यादा कैश नहीं लिया जा सकता.
उदाहरण के तौर पर अगर आप शादी जन्मदिन या किसी अन्य आयोजन पर किसी से नकद उपहार या रकम ले रहे हैं तो वह भी 2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.
किन संस्थाओं को इस नियम से छूट है?
हालांकि यह नियम सभी पर लागू नहीं होता. बैंक डाकघर और कुछ सरकारी संस्थाएं इस नियम से बाहर रखी गई हैं. यानी यदि आप बैंक से 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश निकालते हैं तो यह नियम वहां लागू नहीं होगा. लेकिन निजी व्यक्ति से लेनदेन करते समय यह सीमा जरूरी है.
नकद लेनदेन से जुड़ी इनकम टैक्स की मुख्य धाराएं
इनकम टैक्स एक्ट में कई धाराएं नकद लेनदेन को नियंत्रित करती हैं:
- धारा 40A(3) और 43: बिजनेस में नकद भुगतान को लेकर लागू होती हैं.
- धारा 269SS और 269ST: नकद लेने के मामलों में लागू होती हैं.
- धारा 269T: नकद में लोन या डिपॉजिट वापस करने से जुड़ी है.
इन सभी नियमों का उल्लंघन करने पर इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
नोटबंदी के बाद कैश ट्रांजैक्शन पर बढ़ी सख्ती
नोटबंदी के बाद सरकार ने देश में नकद लेनदेन को कम करने और डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. सरकार का साफ मकसद है कि देश की अर्थव्यवस्था पारदर्शी हो और काले धन पर लगाम लगे. इसीलिए अब बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर निगरानी और ज्यादा बढ़ गई है.
कैश के बजाय अपनाएं डिजिटल माध्यम
अगर आपको किसी को बड़ी रकम देनी या लेनी है तो इसके लिए आप डिजिटल ट्रांजैक्शन का सहारा लें. आप NEFT RTGS IMPS UPI जैसे तरीकों का इस्तेमाल करके सुरक्षित तरीके से भुगतान कर सकते हैं. इससे न सिर्फ आपका लेनदेन सुरक्षित रहेगा बल्कि इनकम टैक्स से जुड़े नोटिस से भी बचा जा सकेगा.
नियम का उल्लंघन करने पर क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति इन तयशुदा लिमिट का उल्लंघन करता है यानी 2 लाख रुपये से अधिक नकद में लेन-देन करता है तो उस पर 100% तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है. उदाहरण के लिए अगर आपने किसी से 3 लाख रुपये नकद लिए हैं तो आयकर विभाग आपको 3 लाख रुपये तक जुर्माना लगा सकता है.
कैसे पता चलेगा कि नोटिस आया है या नहीं?
अगर आपने किसी बड़ी रकम का कैश ट्रांजैक्शन किया है और इनकम टैक्स विभाग को शक हुआ तो वह आपके बैंक खातों पैन नंबर आधार नंबर रिटर्न आदि को मिलाकर जांच कर सकता है. नोटिस ईमेल एसएमएस या डाक द्वारा भेजा जा सकता है. ऐसे मामलों में तुरंत चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स सलाहकार की मदद लेना चाहिए.
नकद लेनदेन के कुछ उदाहरण जो नियमों के खिलाफ हैं
- किसी से जमीन खरीदने पर 2 लाख से ज्यादा नकद देना.
- शादी में किसी एक से 2 लाख से ज्यादा नकद तोहफा लेना.
- किसी व्यापारी को माल के बदले 2 लाख से ज्यादा कैश देना.
इन सभी मामलों में नोटिस आ सकता है इसलिए सावधानी जरूरी है.
RBI का नया फैसला भी चर्चा में
आरबीआई ने हाल ही में 10 और 500 रुपये के नए नोट जारी करने का निर्णय लिया है. इससे नकदी के चलन में बदलाव आ सकता है लेकिन नियमों की सख्ती पहले जैसी ही रहेगी. इससे आम जनता को नकदी के विकल्प के रूप में डिजिटल पेमेंट को अपनाने में मदद मिलेगी.