Air Conditioner: अप्रैल का महीना आते-आते भारत के कई हिस्सों में गर्मी अपने चरम पर पहुंचने लगती है. ऐसे में जो लोग अपने घर या ऑफिस के लिए नया एयर कंडीशनर (AC) खरीदने की सोच रहे हैं उनके लिए यह सबसे सही समय होता है. लेकिन AC खरीदते वक्त सिर्फ ब्रांड या कीमत ही नहीं बल्कि एक बेहद जरूरी फैक्टर होता है – AC का “टन” (Ton).
टन का मतलब क्या होता है? यह वजन नहीं है!
अक्सर लोग समझते हैं कि “टन” AC का वजन बताता है लेकिन असल में AC का टन इसकी कूलिंग क्षमता (Cooling Capacity) को दर्शाता है.
- “टन” शब्द इस बात को मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है कि AC एक घंटे में कितनी गर्मी (heat) को हटाने में सक्षम है.
- इसे BTU (British Thermal Unit) में मापा जाता है.
उदाहरण के लिए:
- 1 टन AC = 12,000 BTU प्रति घंटे
- 1.5 टन AC = 18,000 BTU प्रति घंटे
- 2 टन AC = 24,000 BTU प्रति घंटे
इसलिए टन का चुनाव आपके कमरे की आकार धूप की दिशा छत की ऊंचाई और उपयोग पर निर्भर करता है.
कमरे के आकार के अनुसार कितना टन का AC चुनें?
एसी का सही चुनाव तभी होता है जब आप अपने कमरे के साइज को ध्यान में रखते हैं. नीचे दिए गए टेबल को देखकर आप समझ सकते हैं कि किस साइज के कमरे के लिए कौन सा टन का AC उपयुक्त होगा:
कमरे का क्षेत्रफल (वर्ग फीट) | सुझाया गया टन |
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100 से 150 वर्ग फीट | 1 टन AC |
150 से 200 वर्ग फीट | 1.5 टन AC |
200 से 250 वर्ग फीट | 1.8 टन AC |
250 से 300 वर्ग फीट | 2 टन AC |
यदि कमरा ऊपरी मंजिल पर है धूप सीधी आती है या बहुत लोग रहते हैं तो एक लेवल ऊपर का टन लेना बेहतर रहता है.
गलत टन का AC चुनने से क्या होता है नुकसान?
AC की क्षमता अगर कमरे के साइज से मेल नहीं खाती तो न तो कूलिंग सही होती है और न ही बिजली की बचत.
अगर AC छोटा हो:
- कमरे को पूरी तरह ठंडा नहीं कर पाएगा
- AC को लंबे समय तक चलाना पड़ेगा
- बिजली खपत ज्यादा होगी
- मशीन पर लोड बढ़ेगा और जल्दी खराब भी हो सकता है
अगर AC ज्यादा बड़ा हो:
- कमरे को जल्दी ठंडा कर देगा लेकिन ह्यूमिडिटी कंट्रोल नहीं कर पाएगा
- बार-बार ON-OFF होगा जिससे कंप्रेसर जल्दी खराब हो सकता है
- अतिरिक्त खर्च भी बढ़ जाएगा
AC टन चुनते समय किन बातों का रखें ध्यान?
केवल कमरे का साइज ही नहीं ये बातें भी जरूरी हैं:
- कमरे की ऊंचाई – सामान्य से ऊंचा कमरा हो तो थोड़ा ज्यादा टन का AC चुनें.
- धूप की दिशा – अगर खिड़कियों से सीधी धूप आती है तो कूलिंग ज्यादा ताकतवर चाहिए.
- फ्लोर लेवल – टॉप फ्लोर या छत के नीचे का कमरा ज्यादा गर्म होता है.
- खिड़कियां और वेंटिलेशन – जितनी ज्यादा खिड़कियां उतनी ही ज्यादा गर्मी अंदर आ सकती है.
- लोगों की संख्या – अगर कमरे में 3 से ज्यादा लोग हों तो AC पर लोड बढ़ता है.
एनर्जी एफिशिएंसी और स्टार रेटिंग का भी रखें ध्यान
AC खरीदते वक्त एनर्जी सेविंग भी एक बड़ा फैक्टर है. बाजार में आने वाले AC अब BEE स्टार रेटिंग के साथ आते हैं.
- 5 स्टार AC – ज्यादा बिजली बचाते हैं लेकिन महंगे होते हैं
- 3 स्टार AC – संतुलित विकल्प हैं आम उपयोग के लिए बेहतर
यदि आप रोज 8-10 घंटे AC चलाते हैं तो 5 स्टार AC आपकी लंबी अवधि की बिजली खपत को काफी कम कर सकता है.
इन्वर्टर AC या नॉन-इन्वर्टर – कौन सा चुनें?
- इन्वर्टर AC: तापमान स्थिर रखने के लिए कंप्रेसर की स्पीड को बदलते हैं जिससे बिजली की खपत कम होती है
- नॉन-इन्वर्टर AC: लगातार ON-OFF होता है बिजली ज्यादा खपत करता है
अगर आपका इस्तेमाल ज्यादा है तो इन्वर्टर AC ही चुनें.
AC खरीदते समय ये गलतियां न करें
- इंस्टॉलेशन की सही जगह और सर्विस नेटवर्क का भी ध्यान रखें
- केवल ब्रांड देखकर न खरीदें अपने कमरे के अनुसार सही टन चुनें
- स्थानीय इलेक्ट्रिशियन की सलाह पर बिना जानकारी के AC न लें
- सेल और ऑफर में आकर्षित होकर गलत मॉडल न खरीदें