Income Tax: हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है. हालांकि, बहुत से लोग इस आखिरी तारीख का इंतजार करते हैं और अंतिम समय में जल्दबाजी में गलतियां कर बैठते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स की सलाह है कि रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया की शुरुआत पहले से कर लेनी चाहिए. इसके लिए सबसे जरूरी है कि आपके पास सभी ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार हों.
PAN और आधार
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सबसे पहले जरूरी दस्तावेज़ है पैन कार्ड (PAN) और आधार कार्ड.
- PAN कार्ड से आपकी फाइनेंशियल डिटेल्स का रिकॉर्ड बनता है और टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपकी सभी लेन-देन की जानकारी रहती है.
- आधार कार्ड आपकी पहचान साबित करता है और ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में इस्तेमाल होता है.
ध्यान दें कि अब इन दोनों को लिंक कराना अनिवार्य है. बिना लिंक किए हुए आप ITR फाइल नहीं कर पाएंगे.
नौकरीपेशा लोगों के लिए फॉर्म 16 सबसे जरूरी
अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपके लिए फॉर्म 16 बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है.
- फॉर्म 16 में आपकी सालभर की सैलरी का पूरा विवरण होता है.
- इसमें यह भी बताया जाता है कि आपकी सैलरी से कितना TDS (Tax Deducted at Source) काटा गया है.
- पार्ट A में TDS की जानकारी होती है. जबकि पार्ट B में सैलरी ब्रेकअप और मिलने वाली टैक्स छूट की डिटेल होती है.
ध्यान रखें कंपनियों को 15 जून तक अपने कर्मचारियों को यह फॉर्म देना अनिवार्य होता है.
फॉर्म 26AS और AIS: टैक्स और इनकम की जानकारी एक जगह
आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म 26AS और Annual Information Statement (AIS) की जांच करना जरूरी है.
- फॉर्म 26AS को टैक्स पासबुक भी कहा जाता है. इसमें आपके ऊपर काटे गए TDS, एडवांस टैक्स और हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की डिटेल होती है.
- AIS में आपकी पूरी साल की आय जैसे सैलरी, ब्याज, डिविडेंड्स, स्टॉक ट्रेडिंग आदि की जानकारी होती है.
इन दोनों दस्तावेजों को ध्यान से देखकर ही ITR फाइल करें ताकि किसी भी तरह की गलती से बचा जा सके.
बैंक खातों की जानकारी रखें अपडेट
ITR फाइल करने से पहले यह देखना जरूरी है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपके सभी बैंक अकाउंट्स की जानकारी अपडेट है या नहीं.
- आपके पास जितने भी सेविंग्स अकाउंट्स हैं। उनकी जानकारी फॉर्म में देनी होती है.
- इसके अलावा, रिफंड पाने के लिए आपके बैंक अकाउंट का सही IFSC कोड और अकाउंट नंबर देना जरूरी है.
- कई बार लोग ऐसे अकाउंट की जानकारी दे देते हैं जो बंद हो चुके होते हैं। जिससे रिफंड मिलने में देरी या समस्या हो सकती है.
डिडक्शन के लिए निवेश से जुड़े दस्तावेज़ तैयार रखें
अगर आप टैक्स में छूट के लिए क्लेम करने जा रहे हैं तो आपको उससे संबंधित निवेशों के प्रमाण पहले से तैयार रखने चाहिए.
- सेक्शन 80C के तहत LIC, PPF, EPF, बच्चों की ट्यूशन फीस, NSC आदि पर छूट मिलती है.
- सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट मिलती है.
- सेक्शन 24B के तहत होम लोन के ब्याज पर छूट मिलती है.
इन सभी डिडक्शन को क्लेम करने के लिए आपको बिल, रसीद, पॉलिसी डॉक्युमेंट या बैंक सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेजों की जरूरत होगी.
किराया देने वालों के लिए HRA दस्तावेज़ भी जरूरी
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और आप अपने सैलरी से HRA (House Rent Allowance) क्लेम करना चाहते हैं, तो इसके लिए भी कुछ दस्तावेज़ जरूरी हैं:
- मकान मालिक का नाम, पता और PAN नंबर
- किराए की रसीद
- किरायानामा (Rent Agreement)
बिना इन दस्तावेजों के आप HRA की छूट का लाभ नहीं ले सकेंगे.
दूसरी आय के स्रोत भी दिखाएं सही
अगर आपकी आमदनी केवल सैलरी से नहीं है, और आपने शेयर मार्केट, FD, RD, डिविडेंड या रेंट से भी कमाई की है, तो उसकी भी जानकारी देना जरूरी है.
- स्टॉक या म्यूचुअल फंड से हुए कैपिटल गेन
- बैंक एफडी पर ब्याज
- किराये से मिलने वाली आय
इन सभी को सही ढंग से अपनी ITR में शामिल करें ताकि टैक्स डिपार्टमेंट को आपके रिटर्न पर शक न हो और रिफंड में कोई रुकावट न आए.
जल्दबाज़ी में न करें फाइलिंग, दस्तावेज जांचें और फिर करें सबमिट
ITR फाइल करना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है. बल्कि यह आपकी पूरी वित्तीय स्थिति को सरकार के सामने प्रस्तुत करने का जरिया है.
इसलिए बिना तैयारी और दस्तावेजों के सही मिलान के रिटर्न फाइल करना भारी पड़ सकता है.
गलत जानकारी देने पर आयकर विभाग नोटिस भी भेज सकता है या जुर्माना लग सकता है.