Haryana Liquor Policy: हरियाणा सरकार ने अपनी नई एक्साइज पॉलिसी में बड़ा फैसला लेते हुए तय किया है कि जिन गांवों में गुरुकुल चल रहे हैं. वहां अब शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे. इस फैसले से शराब के शौकीनों को झटका जरूर लगा है. लेकिन गांवों में नैतिक शिक्षा और संयम को बढ़ावा देने की दिशा में यह कदम अहम माना जा रहा है.
गुरुकुलों में शराब को माना गया व्यसन
गुरुकुलों में दी जाने वाली शिक्षा में शराब को व्यसन और सामाजिक बुराई बताया जाता है. ऐसे में उन स्थानों पर शराब ठेकों की मौजूदगी शैक्षिक और सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ मानी जा रही थी. सरकार के इस निर्णय से संस्कार आधारित ग्रामीण शिक्षा को मजबूती मिलने की उम्मीद है.
ग्रामीण इलाकों में ठेकों की संख्या पर सख्ती
नई नीति के अनुसार गांवों में दो किलोमीटर के दायरे में केवल एक ही शराब का ठेका खोला जा सकेगा. इससे पहले अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में एक से ज्यादा ठेके खोले जाते थे. जिससे गांवों में शराब की उपलब्धता और लत दोनों बढ़ रही थीं. यह नियम अब उस पर अंकुश लगाएगा.
शहरों में कॉलेजों के पास ठेकों की दूरी घटाई गई
शहरी इलाकों में अब कॉलेजों से शराब ठेके की दूरी घटा दी गई है. पहले जहां यह दूरी 150 मीटर तय थी. अब इसे घटाकर 75 मीटर कर दिया गया है. हालांकि इस फैसले को लेकर शहरी शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा और वातावरण को लेकर सवाल उठ सकते हैं.
500 से कम आबादी वाले गांवों में नहीं खुलेंगे ठेके
सरकार की ओर से यह भी तय किया गया है कि जिन गांवों की आबादी 500 से कम है. वहां कोई भी शराब ठेका नहीं खोला जाएगा. 500 से 5000 की आबादी वाले गांवों में केवल एक ठेका खोला जा सकेगा. यह निर्णय छोटे गांवों में शराब के दुष्प्रभाव को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
15% तक महंगी होगी अंग्रेजी शराब
नई एक्साइज नीति के तहत एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की गई है और ठेकों की रिजर्व प्राइस में भी इजाफा हुआ है. इसके चलते अंग्रेजी शराब के दामों में करीब 15% तक की वृद्धि हो सकती है. इससे उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा.
शराब बिक्री का समय तय किया गया
नई नीति में शराब बिक्री के समय को भी स्पष्ट किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में:
- अप्रैल से अक्टूबर तक: सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक
- नवंबर से मार्च तक: सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक
- शहरी क्षेत्रों में:
- पूरे साल सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक बिक्री की अनुमति है.
इस समय निर्धारण से अवैध बिक्री पर लगाम लगने की संभावना है और प्रशासनिक नियंत्रण बेहतर होगा.
नई नीति से सामाजिक प्रभाव की उम्मीद
हरियाणा सरकार की यह नई एक्साइज पॉलिसी ग्रामीण परिवेश को शराब की लत से दूर करने का प्रयास है. गुरुकुलों के आस-पास शराब प्रतिबंध और ठेकों की संख्या सीमित करने जैसे निर्णयों से शैक्षणिक वातावरण और पारिवारिक ढांचे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. यह नीति राज्य के सामाजिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.