Widow Loan Scheme: हरियाणा की नयी सरकार लगातार महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक मजबूती की दिशा में काम कर रही है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक नई और सराहनीय योजना की शुरुआत की है. जिसके तहत विधवा महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 3 लाख रुपये तक का आसान ऋण दिया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आर्थिक सहारा देना है.
हरियाणा महिला विकास निगम की योजना के तहत मिलेगा बैंक ऋण
यह योजना हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा चलाई जा रही है. इसके तहत महिलाएं बैंक के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकती हैं और अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं. उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने जानकारी दी है कि योजना के तहत महिलाओं को छोटे स्तर पर अपने रोजगार की शुरुआत करने में मदद मिलेगी.
कौन-कौन महिलाएं ले सकती हैं योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ वही महिलाएं ले सकती हैं जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती हैं:
- आवेदिका की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
- आवेदिका हरियाणा की निवासी होनी चाहिए.
- आवेदिका की वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए.
- महिला विधवा हो और उसके नाम पर पहले से कोई सरकारी व्यवसायिक ऋण न हो.
3 लाख रुपये तक मिलेगा ऋण
इस योजना की खास बात यह है कि महिलाओं को बैंक के माध्यम से कुल 3 लाख रुपये तक का ऋण मुहैया कराया जाएगा. यह राशि महिला की व्यवसायिक योजना पर निर्भर करेगी. इससे महिलाएं बुटीक, सिलाई-कढ़ाई, ई-रिक्शा संचालन, मसाला निर्माण, कैरी बैग मैन्युफैक्चरिंग, बेकरी, रेडीमेड गारमेंट्स जैसी गतिविधियों में रोजगार शुरू कर सकती हैं.
ब्याज की भरपाई करेगी सरकार, नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत बैंक ऋण पर लगने वाले ब्याज की भरपाई हरियाणा महिला विकास निगम (Haryana Women Development Corporation) द्वारा की जाएगी. यानी महिला को सिर्फ मूलधन चुकाना होगा, जबकि ब्याज की भरपाई सरकार सब्सिडी के रूप में करेगी. ब्याज सब्सिडी की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये या तीन वर्ष (जो भी पहले हो) रखी गई है.
किन व्यवसायों के लिए लिया जा सकता है यह ऋण?
यह ऋण कई प्रकार के लघु व्यवसायों के लिए दिया जा सकता है, जैसे—
- बुटीक और सिलाई-कढ़ाई का कार्य
- ई-रिक्शा संचालन
- मसाले और अचार बनाने की इकाइयां
- खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing)
- प्लास्टिक या पेपर कैरी बैग निर्माण
- बेकरी प्रोडक्ट्स का निर्माण
- रेडीमेड गारमेंट्स
- कोई अन्य स्थानीय व्यवसाय, जिसमें महिला की रुचि और दक्षता हो
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं हरियाणा महिला विकास निगम की आधिकारिक वेबसाइट या जिला सामाजिक कल्याण कार्यालय से फॉर्म प्राप्त कर सकती हैं. आवेदन करते समय निम्न दस्तावेज जरूरी होंगे:
- विधवा प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड और आयु प्रमाण पत्र
- पारिवारिक आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- प्रस्तावित व्यवसाय की जानकारी
- बैंक पासबुक की कॉपी
बैंक द्वारा आवेदन की जांच और व्यवसाय योजना की समीक्षा के बाद ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है.
सरकार का लक्ष्य- महिलाओं को सशक्त बनाना
हरियाणा सरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ ऋण देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि महिलाओं को समाज में आर्थिक रूप से खड़ा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ महिलाओं को अपनी पहचान मिलेगी, बल्कि वे अपने बच्चों और परिवार के लिए एक स्थायी आय का स्रोत बना सकेंगी.
उदाहरण से समझिए – कैसे मिली मदद
गुरुग्राम की 35 वर्षीय रेखा देवी जिनके पति की मृत्यु 4 साल पहले हुई थी. उन्होंने इस योजना का लाभ उठाकर एक सिलाई सेंटर शुरू किया. आज उनके सेंटर में 5 लड़कियां काम कर रही हैं और वे हर महीने 15 से 20 हजार रुपये की आमदनी कर रही हैं. रेखा का कहना है. “अगर सरकार यह मदद न करती तो मैं कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाती.”