New Rules On Private Schools: हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर डाली जा रही अनावश्यक आर्थिक बोझ को कम करने के लिए एक अहम फैसला लिया है. राज्य के शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि अब स्कूल ड्रेस 5 साल से पहले नहीं बदली जा सकती. साथ ही स्कूल अब किताबें, स्टेशनरी, जूते-जुराबें या अन्य शैक्षिक सामग्री किसी एक निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे.
स्कूलों को नहीं होगी मनमानी बदलाव की छूट
राज्य में लंबे समय से यह देखा जा रहा था कि कई प्राइवेट स्कूल हर 1-2 साल में ड्रेस और स्टेशनरी बदल देते हैं, जिससे अभिभावकों को हर साल नई खरीदारी करनी पड़ती है. अब शिक्षा निदेशालय ने साफ किया है कि ड्रेस में कोई बदलाव कम से कम 5 वर्षों तक नहीं किया जा सकता. इसका उद्देश्य अभिभावकों की जेब पर पड़ने वाले अतिरिक्त खर्च को कम करना है.
किसी खास दुकान से खरीदारी का दबाव भी बंद
शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, कोई भी स्कूल छात्रों को किसी एक दुकान से किताबें, कॉपी, ड्रेस या अन्य सामान खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता. अब अभिभावक किसी भी दुकान से सामान खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे, जब तक वह स्कूल के निर्धारित मानकों के अनुरूप हो. यह कदम मुक्त बाजार व्यवस्था और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के रूप में देखा जा रहा है.
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों को दिए सख्त निर्देश
इस नई गाइडलाइन को हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को भेज दिया है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए. यदि कोई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई की जाए.
दोषी अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
शिक्षा निदेशालय ने यह भी साफ किया है कि यदि कोई शिक्षा अधिकारी इस मामले में कोताही बरतता है या जानबूझकर नजरअंदाज करता है, तो उस पर भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यह संकेत है कि अब केवल स्कूल ही नहीं, बल्कि शासन के आदेशों को लागू कराने वाले अफसरों की जवाबदेही भी तय की जाएगी.
शिकायत करने के लिए जारी हुआ फोन नंबर और ईमेल
निदेशालय ने इस संबंध में एक शिकायत हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल आईडी भी सार्वजनिक की है, ताकि कोई भी अभिभावक या नागरिक निजी स्कूल की मनमानी की शिकायत सीधे कर सके. शिकायत दर्ज कराने के लिए विवरण इस प्रकार है:
- फोन नंबर: 0172-5049801
- ई-मेल: [email protected]
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
यह पहल जन-सुनवाई को प्रभावी बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है.
स्कूल-किताब-कंपनियों की साठगांठ पर लगेगा ब्रेक
अक्सर देखने में आता है कि कुछ स्कूल किताब और ड्रेस विक्रेताओं से मिलकर मोटा कमीशन तय करते हैं, जिससे छात्रों के माता-पिता को महंगे दामों पर सामग्री खरीदनी पड़ती है. अब इन नए नियमों से ऐसे गठजोड़ और व्यावसायिक गठबंधन पर प्रभावी रोक लगेगी. इससे शिक्षा को व्यापार बनाने वालों को करारा झटका लगेगा.
अभिभावकों में दिखा संतोष, स्वागत कर रहे लोग
नई गाइडलाइन के सामने आने के बाद राज्यभर के अभिभावकों में खुशी और संतोष का माहौल है. सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिभावक संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि यह कदम छात्रों की शिक्षा को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में अहम प्रयास है.
अब शिक्षा को नहीं बनने देंगे बोझ
हरियाणा सरकार का यह फैसला एक बार फिर दिखाता है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए प्रतिबद्ध है. निजी स्कूलों की स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि शिक्षा कभी भी अभिभावकों के लिए आर्थिक बोझ न बने.