New Expressway: गोरखपुर और लखनऊ के बीच यात्रा करने वालों के लिए राहत की बड़ी खबर है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है और इसे बहुत जल्द जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के जरिए न सिर्फ गोरखपुर बल्कि अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ जैसे जिलों को भी सीधा फायदा मिलने वाला है.
कहां से कहां तक बनेगा एक्सप्रेसवे?
यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है. इसकी कुल लंबाई 91.35 किलोमीटर है. निर्माण एजेंसी यूपीडा (UPIDA) के मुताबिक, इस परियोजना पर कुल 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं.
गोरखपुर से लखनऊ की दूरी होगी कम, समय की होगी बड़ी बचत
फिलहाल गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने में लगभग 5.5 घंटे का समय लगता है, लेकिन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद यह सफर सिर्फ 4 घंटे या उससे भी कम में तय किया जा सकेगा. यानी यात्रा में करीब डेढ़ घंटे की बचत होगी. यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ से सीधा जुड़ाव देगा, जिससे आगरा और दिल्ली की ओर जाने वाला रास्ता भी तेज और सुगम हो जाएगा.
15 जून तक पूरा हो जाएगा काम
यूपी सरकार और निर्माण एजेंसी का दावा है कि 15 जून 2025 तक पूरा निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इससे पहले ही अधिकांश निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. वर्तमान में सिर्फ कुछ किलोमीटर की सर्विस लेन और पुल मरम्मत का कार्य शेष है.
कहां-कहां हुआ कितना काम पूरा?
- सर्विस लेन: खजनी क्षेत्र में सिर्फ 1 किलोमीटर सर्विस लेन पर डामर बिछाने का कार्य बाकी है.
- कम्हरियाघाट पुल: पुल के समीप सड़क पर बोल्डर बिछाने का कार्य शुरू हो चुका है.
- सरयू नदी के पास: धारा मोड़ने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है.
- बचे हुए कार्य के लिए सरकार ने 60 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
इंटरचेंज और टोल प्लाजा का कार्य पूरा
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा के लिए चार प्रमुख इंटरचेंज बनाए गए हैं. ये इंटरचेंज निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं:
- सरया तिवारी
- सिकरीगंज
- हरनह
- बेलघाट
इनके साथ-साथ टोल प्लाजा और सर्विस रोड का निर्माण भी पूरा हो चुका है. इससे ट्रैफिक की दिशा तय करने, सुरक्षा और टोल संग्रह में सुविधा होगी.
क्या आगे इसे 6 लेन किया जाएगा?
फिलहाल यह एक 4 लेन एक्सप्रेसवे है, लेकिन भविष्य में इसे 6 लेन तक विस्तारित करने की योजना भी बनाई गई है. जैसे-जैसे ट्रैफिक का दबाव बढ़ेगा, वैसे-वैसे एक्सप्रेसवे को अपग्रेड किया जाएगा.
परियोजना की शुरुआत कब हुई थी?
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की घोषणा वर्ष 2018 में की गई थी और इसका निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था. सरकार ने इसे पूर्वांचल के विकास का इंजन बताया था और अब यह सपना पूरा होता दिखाई दे रहा है.
इन जिलों को मिलेगा सबसे अधिक लाभ
- गोरखपुर: सीधे लखनऊ से जुड़ने का सबसे तेज़ मार्ग.
- संतकबीरनगर: व्यापारिक और कृषि गतिविधियों में तेजी आएगी.
- अंबेडकरनगर: नई संभावनाएं, बेहतर कनेक्टिविटी.
- आजमगढ़: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर राज्य की राजधानी और NCR से बेहतर संपर्क.