New Expressway Project: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के लिए एक अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट – गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे – अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. यह 92 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे गोरखपुर, आजमगढ़, अंबेडकर नगर और संत कबीर नगर जैसे चार प्रमुख जिलों को जोड़ते हुए लखनऊ की दूरी करीब डेढ़ घंटे कम कर देगा.
पूर्वांचल के विकास को नई रफ्तार देने वाला प्रोजेक्ट
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देने वाला एक मेगा प्रोजेक्ट माना जा रहा है. यह न केवल सड़क परिवहन को सुगम बनाएगा. बल्कि उद्योग, निवेश और व्यापार को भी नई दिशा देगा. इस परियोजना से आवागमन में सुविधा और लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा. जिससे स्थानीय नागरिकों और कारोबारियों को सीधे लाभ मिलेगा.
एक्सप्रेसवे को 6 लेन तक किया जा सकता है विस्तारित
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि इसे भविष्य में 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. वर्तमान में यह गोरखपुर को आजमगढ़ के सालारपुर गांव में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ता है, जो उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से कनेक्टिविटी को मजबूत बनाता है.
चार जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ जिलों से होकर गुजरेगा. इस वजह से इन जिलों की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा और यहां के बाजार, किसान, छात्र और व्यापारी वर्ग को विशेष लाभ मिलेगा.
कहां से कहां तक होगा एक्सप्रेसवे का विस्तार?
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की शुरुआत गोरखपुर जिले के जैतपुर गांव से होगी और इसका अंत आजमगढ़ के सालारपुर गांव में होगा. यहीं पर यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे राजधानी लखनऊ तक पहुंच और भी आसान हो जाएगी.
कितनी है परियोजना की कुल लागत?
इस परियोजना पर करीब 7,000 करोड़ रुपये की लागत आ रही है. इसमें भूमि अधिग्रहण से लेकर निर्माण तक के खर्च शामिल हैं. यह बजट सरकार द्वारा मंजूर किया गया है और इसे तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है.
निर्माण कार्य दो चरणों में विभाजित
परियोजना को दो मुख्य भागों में बांटा गया है.
- पहला चरण: जैतपुर से अंबेडकर नगर के फुलवरिया तक की 48.317 किमी लंबी सड़क UPCP Infratech द्वारा बनाई जा रही है.
- दूसरा चरण: फुलवरिया से सालारपुर तक 43.035 किमी लंबी सड़क का निर्माण Dilip Buildcon Ltd कर रही है.
यात्रा समय में आएगी बड़ी कमी
एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद, गोरखपुर से लखनऊ की यात्रा समय में लगभग डेढ़ घंटे की कमी आएगी. इससे दैनिक यात्री, व्यापारी और लॉजिस्टिक्स ऑपरेटरों को बड़ी राहत मिलेगी. यह समय की बचत के साथ-साथ ईंधन की भी बचत करेगा.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बन सकता है गेमचेंजर
विशेषज्ञों की मानें तो यह प्रोजेक्ट पूर्वांचल के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है. इससे क्षेत्रीय विकास को नई दिशा, निवेश के अवसरों में वृद्धि और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे. यह एक्सप्रेसवे न केवल एक सड़क है, बल्कि पूर्वांचल के समग्र विकास की रीढ़ बनने की क्षमता रखता है.