Electricty Bill Subcidy: राजस्थान सरकार आम जनता के लिए बिजली बिल को लेकर एक बड़ी राहत देने जा रही है. अब तक राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही थी. लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 150 यूनिट करने की तैयारी हो चुकी है. सरकार इस योजना को केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर योजना से जोड़ने की योजना बना रही है ताकि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके.
पीएम सूर्य घर योजना से जुड़ेगा नया फॉर्मूला
इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को 1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित करेगी. इस पहल के तहत सोलर पैनल लगाकर घरेलू जरूरत की बिजली खुद तैयार की जा सकेगी. यही नहीं इस योजना के तहत हर महीने लगभग 4 से 5 यूनिट प्रतिदिन बिजली तैयार होगी. जिससे पूरे महीने 120 से 150 यूनिट तक बिजली की आवश्यकता खुद पूरी हो जाएगी.
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाएंगी खर्च का भार
इस योजना में केंद्र सरकार 30,000 रुपये तक की सब्सिडी देगी. जबकि बची हुई लागत राज्य सरकार उठाएगी. यानी उपभोक्ता को जेब से कोई बड़ी राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी. इसके लिए सरकार की ओर से दो विकल्पों पर विचार चल रहा है:
- पहला विकल्प – ऋण उपभोक्ता के नाम पर लिया जाएगा. लेकिन भुगतान सरकार करेगी.
- दूसरा विकल्प – पूरी लागत सरकार सीधे वहन करेगी. जिससे उपभोक्ता को कोई वित्तीय जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़ेगी.
इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है और अंतिम फैसला भी वहीं से होगा.
पुरानी सब्सिडी तब तक जारी रहेगी
जब तक इस नए फॉर्मूले को पूरी तरह से लागू नहीं किया जाता. तब तक राज्य सरकार की मौजूदा 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना जारी रहेगी. नए फॉर्मूले को लागू करने के लिए एक निश्चित समयसीमा तय की जाएगी. इस समयसीमा में जो उपभोक्ता आवेदन करेंगे. उन्हें इस नई योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
जिनके पास छत नहीं है, उन्हें भी मिलेगा फायदा
सरकार ने उन उपभोक्ताओं के लिए भी उपाय खोज लिया है. जिनके पास अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगाने की जगह नहीं है. ऐसे उपभोक्ताओं के लिए सोलर पैनल सामुदायिक केंद्रों या फिर नजदीकी बिजली उप-स्टेशन पर लगाए जाएंगे.
इसके अलावा गांवों और कस्बों में ऐसे स्थान चिह्नित किए जाएंगे. जहां सामूहिक रूप से सौर ऊर्जा उत्पादन किया जा सके. इससे कोई भी उपभोक्ता योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगा.
36 लाख से ज्यादा उपभोक्ता अभी भी योजना से बाहर
राज्य में अभी भी लगभग 36 लाख घरेलू उपभोक्ता ऐसे हैं जो किसी भी बिजली सब्सिडी योजना में पंजीकृत नहीं हैं. ऐसे उपभोक्ताओं के लिए सरकार जल्द ही विशेष अभियान चलाकर रजिस्ट्रेशन कराने की योजना बना रही है ताकि वे भी इस योजना का लाभ उठा सकें.
एक किलोवाट सोलर पैनल कितना बिजली बनाएगा?
जानकारी के अनुसार, एक किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल प्रतिदिन 4 से 5 यूनिट तक बिजली बना सकता है. इसका मतलब हुआ कि पूरे महीने में औसतन 120 से 150 यूनिट तक बिजली उत्पन्न हो सकती है. यानी अगर कोई उपभोक्ता सिर्फ घरेलू जरूरतों के लिए बिजली का उपयोग करता है, तो उसका पूरा बिल शून्य हो सकता है.
कब से मिलेगी 150 यूनिट मुफ्त बिजली?
योजना पर आखिरी मुहर अभी वित्त विभाग द्वारा लगाई जानी है. उम्मीद की जा रही है कि मई या जून महीने में इस योजना को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया जाएगा. शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ जिलों में इसे शुरू किया जाएगा और फिर पूरे प्रदेश में इसका विस्तार किया जाएगा.
सरकार का उद्देश्य
सरकार इस योजना के जरिए एक साथ दो फायदे देना चाहती है –
- बिजली बिल में राहत: जिससे आम लोगों की जेब पर असर कम हो.
- सौर ऊर्जा को बढ़ावा: ताकि देश को अक्षय ऊर्जा की ओर ले जाया जा सके और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके.
क्या करना होगा उपभोक्ताओं को?
- सरकार पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन और सरल बनाएगी ताकि ग्रामीण और शहरी – दोनों क्षेत्रों के लोग इसका लाभ आसानी से ले सकें.
- जिन उपभोक्ताओं के पास छत है. वे सोलर पैनल लगाने के लिए पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं.
- जिनके पास छत नहीं है. उन्हें नजदीकी विद्युत कार्यालय में सामुदायिक पैनल के लिए पंजीकरण कराना होगा.