Delhi Schools: दिल्ली के स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की वो विशेष बस सेवा जो बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए चलाई जाती थी, अब फिर से शुरू की जाएगी. यह सेवा साल 2022 से बंद थी. जिससे कई परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. अब दिल्ली की नई भाजपा सरकार ने इस सेवा को दोबारा शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील के बाद लिया गया निर्णय
इस फैसले की शुरुआत ईस्ट ऑफ कैलाश निवासी करण अग्रवाल की ओर से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से की गई एक अपील से हुई. इस अपील के बाद डीटीसी के प्रबंधक एके राव ने बताया कि बच्चों के लिए आवश्यकतानुसार बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही स्कूली बच्चों के लिए इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
2022 में क्यों बंद हुई थी यह सेवा?
साल 2022 में बिना किसी सार्वजनिक विमर्श के डीटीसी की स्कूल बस सेवा को अचानक बंद कर दिया गया था. इस फैसले से कई अभिभावकों में नाराजगी और चिंता का माहौल बन गया था. उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए निजी वैन और टैक्सी का सहारा लेना पड़ा. जिनके किराए तय नहीं होते और सुरक्षा के लिहाज से भी ये विश्वसनीय नहीं माने जाते.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों की चिंताएं
स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता लगातार प्राइवेट कैब और वैन के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और कई मामलों में यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं को लेकर चिंता जता रहे थे. दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले और ट्रैफिक से भरे शहर में, बच्चों के लिए सुरक्षित, भरोसेमंद और सस्ती परिवहन सेवा का न होना एक बड़ी समस्या बन गई थी.
संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताकर उठाई गई आवाज
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत बच्चों को सुरक्षित यात्रा का अधिकार है. इस सेवा को बंद करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इसके साथ ही मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले का भी उल्लेख किया गया जिसमें कहा गया कि “स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए विशेष बस सेवाएं प्रदान करना राज्य की जिम्मेदारी है.”
डीटीसी की नई पहल इलेक्ट्रिक बसें भी होंगी शामिल
डीटीसी के प्रबंधक एके राव ने बताया कि CNG बसों की उम्र पूरी होने के चलते कुछ परेशानी जरूर है, लेकिन इसके समाधान के तौर पर अब इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग की योजना बनाई जा रही है. यह न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा कदम है. बल्कि आधुनिक बसों से बच्चों की यात्रा और भी सुरक्षित और आरामदायक होगी.
फिलहाल कुछ स्कूलों में बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं
डीटीसी के मुताबिक, वर्तमान में कुछ स्कूलों में उनकी आवश्यकता के अनुसार बसें दी जा रही हैं, ताकि पढ़ाई में कोई बाधा न आए. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह सेवा पूरे शहर में कब तक और किस प्रकार लागू होगी. लेकिन यह तय है कि सरकार अब इस दिशा में सकारात्मक पहल कर रही है.
स्कूल सेल और केंद्र सरकार की मंजूरी का हवाला
डीटीसी की ओर से दिए गए जवाबी पत्र में 28 अक्टूबर 1988 को बनी स्कूल सेल के आदेश का हवाला दिया गया है. जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों को बसें किराए पर देने का काम केंद्र सरकार की मंजूरी के तहत ही होता है और यह तभी किया जा सकता है जब इससे आम लोगों की बस सेवाएं प्रभावित न हों.