Group D Employees: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साफ शब्दों में कहा है कि राज्य सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं. ऐसे में उनके साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही या परेशानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों और कृषि विपणन विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसानों को मंडियों में फसल बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए. हर स्तर पर उनकी सुविधा और सम्मान का ध्यान रखा जाए.
मंडियों में खरीफ सीजन को लेकर सरकार सतर्क
इन दिनों हरियाणा में रबी सीजन की फसल गेहूं की खरीद चालू है और किसान मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि खरीद प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और सुविधा के साथ पूरी हो.
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद संबंधित विभागों ने मंडियों में व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. किसानों की फसल की तौल, भुगतान, और लिफ्टिंग को समय पर किया जा रहा है ताकि उन्हें मंडियों में बार-बार आकर परेशान न होना पड़े.
सरकार का कर्मचारी हितैषी कदम
किसानों की फसल खरीद को और सुचारू रूप से चलाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने सभी चतुर्थ श्रेणी (ग्रुप-डी) सरकारी कर्मचारियों को ₹25,000 का ब्याज मुक्त एडवांस (Interest-Free Advance) देने का ऐलान किया है.
इस राशि का इस्तेमाल कर्मचारी गेहूं की खरीद के लिए कर सकेंगे और इसे बाद में समान मासिक किस्तों (EMI) में वापस किया जाएगा. यह पूरी वसूली वित्त वर्ष 2025-26 की समाप्ति से पहले पूरी की जानी है.
केवल नियमित कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
वित्त विभाग द्वारा शुक्रवार को इस संदर्भ में आधिकारिक पत्र जारी किया गया है. इसके अनुसार, यह अग्रिम राशि केवल उन्हीं कर्मचारियों को दी जाएगी जो:
- स्थायी कर्मचारी हों
- अस्थायी लेकिन नियमित कर्मचारी हों
इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं, तो यह राशि केवल एक ही व्यक्ति को दी जाएगी. यह कदम पारिवारिक दोहराव को रोकने के लिए उठाया गया है.
सरकारी आदेश में स्पष्ट नियम और प्रक्रिया
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अग्रिम राशि के वितरण में कोई गड़बड़ी या पक्षपात न हो. इसके लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. कर्मचारी अगर इस सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें एक निर्धारित फॉर्म भरकर अपने विभागीय अधिकारी को देना होगा.
फॉर्म स्वीकृत होने के बाद अग्रिम राशि सीधे कर्मचारी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल रखी गई है ताकि किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की संभावना न रहे.
गेहूं खरीद प्रक्रिया में होगी तेजी, किसानों को होगा फायदा
इस एडवांस योजना का एक बड़ा फायदा यह होगा कि मंडियों में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जो फसल खरीद व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे बिना किसी आर्थिक अड़चन के अपना काम प्रभावी तरीके से कर सकेंगे. इससे गेहूं खरीद की प्रक्रिया और तेज और सुगम होगी.
इसका सीधा असर किसानों को होगा, जिन्हें अपनी उपज का भुगतान समय पर मिलेगा और उन्हें बार-बार मंडियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
किसानों के लिए भविष्य में और योजनाएं
मुख्यमंत्री सैनी ने इशारा किया है कि आने वाले समय में किसानों के हित में और भी योजनाएं लाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार खेती है, और किसान अगर खुश हैं, तो प्रदेश खुशहाल रहेगा.
राज्य सरकार पहले ही गेहूं खरीद के लिए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की दरें तय कर चुकी है और फसल खरीद में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली भी शुरू की गई है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो रही है.