Sona Chandi Ka Bhav: इन दिनों सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. कभी अचानक दाम बढ़ रहे हैं, तो कभी गिरावट देखने को मिल रही है. इसकी मुख्य वजह है अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर, जिसने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना दिया है. इस अस्थिरता का सीधा असर भारत के वायदा बाजार (Futures Market) और स्थानीय सर्राफा बाजार पर पड़ रहा है.
पिछले हफ्ते तोड़ा रिकॉर्ड, फिर आई गिरावट
बीते हफ्ते गोल्ड ने वायदा बाजार में 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर लिया था, जो एक रिकॉर्ड था. लेकिन इसके बाद तेज गिरावट भी दर्ज की गई. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक ग्लोबल लेवल पर अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक गोल्ड में इस तरह के उतार-चढ़ाव जारी रहेंगे.
7 मई को यूपी में क्या हैं सोने के ताजा रेट?
उत्तर प्रदेश में 7 मई 2025 को सोने के भाव में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यहां 24 कैरेट गोल्ड की कीमत ₹98,620 प्रति 10 ग्राम, जबकि 22 कैरेट की कीमत ₹90,400 प्रति 10 ग्राम रही. वहीं 18 कैरेट सोने की कीमत ₹73,980 प्रति 10 ग्राम पर बनी हुई है.
यूपी के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें
शहर | 18 कैरेट | 22 कैरेट | 24 कैरेट |
---|---|---|---|
मेरठ | ₹73,980 | ₹90,400 | ₹98,620 |
गौतमबुद्धनगर | ₹73,980 | ₹90,400 | ₹98,620 |
कानपुर | ₹73,980 | ₹90,400 | ₹98,620 |
आगरा | ₹73,980 | ₹90,400 | ₹98,620 |
गाजियाबाद | ₹73,980 | ₹90,400 | ₹98,620 |
शादी के सीजन में बढ़ा भाव
इन दिनों देशभर में शादी-विवाह का सीजन चल रहा है, जिससे गोल्ड की मांग बढ़ी है. यही वजह है कि बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. हालांकि, घरेलू सराफा बाजार में थोड़ी राहत है क्योंकि वहां कीमतें कभी-कभी गिर भी रही हैं. लेकिन वायदा और विदेशी बाजारों में मजबूती बनी हुई है, जिससे कीमतें फिर चढ़ने लगी हैं.
क्या निवेश का है सही समय?
विशेषज्ञों का कहना है कि जो निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड में पैसा लगाना चाहते हैं. उनके लिए ये एक बेहतर मौका हो सकता है. लेकिन शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए बाजार थोड़ा जोखिम भरा है. अमेरिका-चीन की स्थितियों, डॉलर की मजबूती और ग्लोबल पॉलिसी के चलते निवेश से पहले सावधानी जरूरी है.
क्या फिर छुएगा ₹1 लाख का आंकड़ा?
अगर ट्रेड वॉर और अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता बढ़ती है तो गोल्ड फिर से ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छू सकता है. हालांकि इसके लिए विदेशी बाजारों की दिशा और भारत में डिमांड की स्थिरता पर नजर रखना जरूरी होगा.