Sona Chandi Ka Bhav: बाजार में सोने की चमक इन दिनों थोड़ी फीकी पड़ती दिख रही है. बुधवार, 16 अप्रैल 2025 को भारत के बुलियन मार्केट में सोने की कीमत में फिर से गिरावट दर्ज की गई है. लगातार तीसरे दिन सोने का भाव करीब 300 रुपये तक गिरा है, जिससे निवेशकों और खरीदारों में हलचल देखी जा रही है. देश के अधिकतर शहरों में आज 24 कैरेट सोना 95,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है.
चांदी का रेट भी गिरा
आज न केवल सोने बल्कि चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है. 16 अप्रैल 2025 को चांदी का भाव 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम रहा. जो कि कल के मुकाबले 100 रुपये कम है. यह गिरावट उन लोगों के लिए राहत भरी हो सकती है जो चांदी में निवेश या खरीदारी का प्लान बना रहे हैं.
दिल्ली, मुंबई समेत बड़े शहरों में आज का सोने का रेट
देश के प्रमुख शहरों में सोने के ताज़ा भाव इस प्रकार हैं:
शहर का नाम | 22 कैरेट गोल्ड रेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट गोल्ड रेट (₹/10 ग्राम) |
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दिल्ली | 87,340 | 95,320 |
मुंबई | 87,190 | 95,170 |
चेन्नई | 87,190 | 95,170 |
कोलकाता | 85,190 | 95,170 |
जयपुर | 87,340 | 95,320 |
लखनऊ | 87,340 | 95,320 |
गाजियाबाद | 87,340 | 95,320 |
नोएडा | 87,340 | 95,320 |
पटना | 87,190 | 95,170 |
बंगलुरु | 87,190 | 95,170 |
सोने की कीमत में गिरावट का कारण क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव और टैरिफ वॉर है. वैश्विक बाजार में इन दोनों देशों के बीच खींचतान के कारण निवेशक सतर्क हो गए हैं. जिससे सोने की मांग में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मार्केट में डॉलर की मजबूती और ब्याज दरों में बदलाव भी इसकी कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं.
आने वाले समय में कितना गिर सकता है सोना?
सोने की कीमतों को लेकर एक्सपर्ट्स दो संभावनाएं जता रहे हैं. अगर वैश्विक तनाव कम होता है और बाजार स्थिर रहता है तो अगले 6 महीनों में सोना 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है. लेकिन अगर अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर और बढ़ता है तो सोने की कीमत 1,38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है. यानी निवेशकों को सतर्क रहकर कदम उठाने की जरूरत है.
भारत में सोने की कीमत कैसे तय होती है?
भारत में सोने की कीमतें कई बातों पर निर्भर करती हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव – जैसे लंदन बुलियन मार्केट और कॉमेक्स (COMEX) के दाम.
- रुपये की डॉलर के मुकाबले कीमत – यदि रुपया कमजोर होता है तो सोना महंगा होता है.
- सरकार द्वारा लगाए गए आयात शुल्क और GST – ये टैक्स सीधे तौर पर कीमतों को प्रभावित करते हैं.
- मांग और आपूर्ति का संतुलन – खासकर त्योहारों और शादी के सीजन में मांग बढ़ने से दाम बढ़ते हैं.
- सेंट्रल बैंकों की खरीदारी – जब सेंट्रल बैंक सोने की बड़ी मात्रा में खरीद करते हैं तो उसकी कीमत बढ़ जाती है.
निवेशकों के लिए क्या है मौजूदा समय में रणनीति?
जो लोग सोने में निवेश करते हैं उनके लिए यह समय थोड़ा संभलकर निवेश करने का है. कीमतों में गिरावट का फायदा उठाया जा सकता है. लेकिन लंबे समय के नजरिए से निवेश करें. अगर आप ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं तो यह समय बेहतर सौदे का हो सकता है क्योंकि कीमतों में गिरावट के चलते सोना थोड़ा सस्ता हो गया है.