Gold Rate Today: सोने की कीमत में लगातार गिरावट का दौर जारी है. 22 अप्रैल 2025 को जब सोने ने ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छुआ था. तब से इसमें कमी देखने को मिल रही है. आज सोमवार 28 अप्रैल 2025 को सोने के दाम पिछले सप्ताह की तुलना में करीब ₹1,000 तक कम हुए हैं. इस बीच चांदी की कीमतें ₹1 लाख प्रति किलो के पार बनी हुई हैं, जो निवेशकों के लिए चिंता और उम्मीद दोनों का संकेत दे रही हैं.
सोने के ताजा भाव में गिरावट जारी
28 अप्रैल को 22 कैरेट सोने का रेट ₹89,400 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट का ₹97,500 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है. यह भाव पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग ₹1,000 कम है. दिल्ली में आज 22 कैरेट सोना ₹89,550 और 24 कैरेट ₹97,680 पर रहा. वहीं मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में भी इसी तरह के रेट देखने को मिले.
चांदी के भाव में हल्की गिरावट
चांदी की कीमत ₹1,00,800 प्रति किलोग्राम पर है, जो पिछले हफ्ते से मात्र ₹100 कम है. यानी चांदी की कीमत में स्थिरता बनी हुई है. चांदी की यह मजबूती इस बात की ओर इशारा करती है कि औद्योगिक मांग और निवेश के चलते यह धातु अब भी निवेशकों को आकर्षित कर रही है.
देशभर में सोने की कीमतें (28 अप्रैल 2025)
शहर | 22 कैरेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट (₹/10 ग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹89,550 | ₹97,680 |
मुंबई | ₹89,400 | ₹97,530 |
चेन्नई | ₹89,400 | ₹97,530 |
कोलकाता | ₹89,400 | ₹97,530 |
जयपुर | ₹89,550 | ₹97,680 |
नोएडा | ₹89,550 | ₹97,680 |
गाजियाबाद | ₹89,550 | ₹97,680 |
लखनऊ | ₹89,550 | ₹97,680 |
बेंगलुरु | ₹89,400 | ₹97,530 |
पटना | ₹89,400 | ₹97,530 |
अंतरराष्ट्रीय तनाव से सोने के दाम प्रभावित
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव और टैक्स नीति पर खींचतान का असर सोने की कीमतों पर सीधा देखने को मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता के चलते भारत में भी रेट में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय हालात शांत रहे, तो अगले 6 महीनों में सोना ₹75,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है. लेकिन अगर तनाव और बढ़ा, तो सोने का भाव ₹1.38 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है.
भारत में सोने की कीमत कैसे तय होती है?
भारत में सोने की कीमतें कई फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं, जैसे: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव, डॉलर-रुपया विनिमय दर, सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी, घरेलू मांग, खासकर शादी और त्योहारों के मौसम में भारत में सोना सिर्फ निवेश का जरिया नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा से जुड़ा एक अहम हिस्सा भी है. अक्षय तृतीया, धनतेरस, दिवाली और शादी जैसे मौकों पर इसकी मांग तेजी से बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में बदलाव देखने को मिलता है.
क्या निवेश के लिए सही समय है?
जिन लोगों ने ₹1 लाख के ऊपर के रेट पर निवेश नहीं किया था. उनके लिए अब गिरते भाव एक अवसर हो सकते हैं. हालांकि निवेश से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या भाव और नीचे जा सकते हैं? क्या अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ेगा? क्या रुपये की कीमत में स्थिरता रहेगी? अगर आप लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रहे हैं, तो यह सोना खरीदने का उपयुक्त समय हो सकता है. क्योंकि त्योहारी सीजन में भाव फिर बढ़ सकते हैं.