Sona Chandi Ka Bhav: गुरुवार 17 अप्रैल 2025 को सोने के दामों में जोरदार तेजी देखने को मिली. देशभर में सोने की कीमतें 96,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई हैं, जो अब तक का एक नया रिकॉर्ड है. खास बात यह है कि यह बढ़ोतरी केवल भारत में ही नहीं. बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देखी जा रही है. अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड टेंशन और टैक्स वॉर के चलते सोने की कीमतों में उछाल आया है. इस समय निवेशकों के लिए सोना एक सुरक्षित विकल्प बन गया है. जिससे इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है.
चांदी भी 1 लाख रुपये के पार
जहां सोना रफ्तार पकड़ रहा है. वहीं चांदी भी पीछे नहीं है. गुरुवार को चांदी की कीमत ₹1,00,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. पिछले दिन की तुलना में चांदी में 300 रुपये की तेजी आई है. यह संकेत है कि चांदी भी अब निवेश के लिहाज से एक मजबूत विकल्प बनती जा रही है. बढ़ती कीमतों के चलते बाजार में खरीदारी का माहौल गर्म है.
देश के प्रमुख शहरों में सोने के ताजा भाव
सोने की कीमत शहरों के अनुसार अलग-अलग होती है. नीचे देश के कुछ प्रमुख शहरों में 17 अप्रैल 2025 को 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों की सूची दी गई है:
शहर | 22 कैरेट गोल्ड रेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट गोल्ड रेट (₹/10 ग्राम) |
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दिल्ली | ₹88,310 | ₹96,330 |
मुंबई | ₹87,190 | ₹96,180 |
चेन्नई | ₹88,160 | ₹96,180 |
कोलकाता | ₹88,160 | ₹96,180 |
जयपुर | ₹88,310 | ₹96,330 |
लखनऊ | ₹88,310 | ₹96,330 |
नोएडा | ₹88,310 | ₹96,330 |
गाजियाबाद | ₹88,310 | ₹96,330 |
बंगलुरु | ₹88,160 | ₹96,180 |
पटना | ₹88,160 | ₹96,180 |
सोने की तेजी का कारण
सोने के रेट में आई इस तेजी के पीछे मुख्य वजह अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव है. दोनों देशों के बीच टैरिफ (कर) को लेकर खींचतान चल रही है. जिससे वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है. ऐसे हालातों में निवेशक पारंपरिक और सुरक्षित विकल्प यानी सोना खरीदने की ओर बढ़ते हैं. यही वजह है कि इंटरनेशनल मार्केट में भी गोल्ड की कीमतें आसमान छू रही हैं.
इंटरनेशनल मार्केट का असर भारत में सोने की कीमतों पर
भारत में सोने की कीमतें सीधे-सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल पर निर्भर करती हैं. जैसे ही इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतें बढ़ती हैं. उसका सीधा असर भारत के बाजारों पर पड़ता है. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत, कस्टम ड्यूटी और सरकार की नीतियां भी कीमतों को प्रभावित करती हैं.
क्या फिर घट सकते हैं दाम?
कुछ बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका-चीन के बीच तनाव कुछ हद तक कम हो जाता है और वैश्विक बाजार स्थिर होते हैं, तो आने वाले 6 महीनों में सोने की कीमतें ₹75,000 तक गिर सकती हैं. लेकिन अगर तनाव और बढ़ा तो सोना ₹1,38,000 प्रति 10 ग्राम तक भी पहुंच सकता है. यानी आने वाला वक्त सोने की कीमतों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है.
कैसे तय होती है भारत में सोने की कीमत?
भारत में सोने की कीमतें रोजाना बदलती हैं और ये कुछ प्रमुख कारणों पर निर्भर करती हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की चाल
- डॉलर-रुपया विनिमय दर
- सरकार द्वारा तय की गई कस्टम ड्यूटी और टैक्स
- डिमांड और सप्लाई का अंतर
- शादी और त्योहारों का सीजन (इन समयों पर डिमांड बढ़ती है)
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) हर दिन सोने-चांदी की कीमतें तय करता है.
शादी-ब्याह और त्योहारी सीजन पर असर
भारत में सोना सिर्फ एक निवेश नहीं. बल्कि संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है. शादी-ब्याह, तीज-त्योहार और धार्मिक कार्यक्रमों में सोना खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसे समय में जब कीमतें बढ़ जाती हैं, तो आम लोगों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो जाता है. इसलिए आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि कीमतें और कितनी बढ़ती हैं या स्थिर होती हैं.