यूपी के 12 जिलों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे, 6 घंटे में तय सफर कर सकेंगे 600 KM का सफर Ganga Expressway

Ganga Expressway: एक्सप्रेसवे के निर्माण से यात्रा करना न केवल सुगम हो जाता है बल्कि रेलवे पर भी यात्री भार कम होता है. इससे सड़क मार्ग से सफर को प्राथमिकता मिलने लगती है. इसके अलावा ट्रकों और कंटेनरों के लिए एक्सप्रेसवे आदर्श रास्ता बनते हैं. जिससे माल ढुलाई तेज और आसान हो जाती है.

यूपी का सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेसवे

उत्तर प्रदेश में बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे राज्य का सबसे बड़ा और महत्त्वाकांक्षी सड़क प्रोजेक्ट है. इसके बनने से सड़क के किनारे ढाबों, स्टॉल्स और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

गंगा एक्सप्रेसवे पर निर्माण कार्य जारी

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. यह प्रोजेक्ट मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ जैसे 12 प्रमुख जिलों को जोड़ने का काम करेगा.

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रेलवे लाइन पर पुल निर्माण और अपडेट

कानपुर-लखनऊ रूट पर सोनिक स्टेशन के पास गंगा एक्सप्रेसवे के तहत रेलवे लाइन पर पुल निर्माण पूरा कर स्टील गर्डर लगाने का काम जारी है. इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की अनुमति दी जाएगी. जिससे लंबी दूरी का सफर और भी तेज हो जाएगा.

गंगा एक्सप्रेसवे की लागत और मार्ग

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत ₹36,230 करोड़ है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दादू गांव के पास एनएच-19 पर समाप्त होगा. जिससे पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी के बीच दूरी कम होगी.

12 जिलों और 518 गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इससे इन इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी.

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28 फ्लाईओवर, 381 अंडरपास और 126 छोटे पुल

गंगा एक्सप्रेसवे पर यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए:

  • 28 फ्लाईओवर
  • 381 अंडरपास
  • 126 छोटे पुल
    बनाए जा रहे हैं, ताकि सफर सुगम और बिना किसी अवरोध के हो सके.

इमरजेंसी में फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर के लिए हवाई पट्टी

शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी एक विशेष हवाई पट्टी तैयार की जा रही है. ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर यहां उतर सकें. यह सुविधा इस एक्सप्रेसवे को रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है.

छह लेन में निर्माण, आगे बढ़ेगा आठ लेन तक

गंगा एक्सप्रेसवे को फिलहाल 6 लेन में बनाया जा रहा है. भविष्य में इसे आवश्यकता अनुसार 8 लेन तक बढ़ाने की योजना भी तैयार की गई है. ताकि भविष्य के यातायात दबाव को आसानी से संभाला जा सके.

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जन सुविधा परिसरों का विकास

गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 9 अलग-अलग लोकेशनों पर जन सुविधा परिसरों का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा और 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा भी प्रस्तावित किए गए हैं.

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच सफर होगा और आसान

यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा को और भी ज्यादा सुविधाजनक और तेज बनाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गंगा एक्सप्रेसवे को जुलाई 2025 तक चालू करने की योजना बनाई जा रही है.

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