Private School Rules: फरीदाबाद और बल्लभगढ़ खंड के 364 निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने में विफल रहे हैं. शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है. अब इन स्कूलों का एमआईएस पोर्टल ब्लॉक किया जाएगा और उन्हें गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची में शामिल किया जाएगा.
आरटीई के तहत निजी स्कूलों की जिम्मेदारी
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सभी निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपनी 25% आरक्षित सीटों की जानकारी पोर्टल पर साझा करें. इन सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है. पात्रता के अनुसार परिवार की वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए. इस योजना के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाती है.
364 स्कूलों ने नहीं दी जरूरी जानकारी
फरीदाबाद जिले में 1200 से अधिक निजी स्कूल हैं. लेकिन इनमें से 364 स्कूलों ने आरक्षित सीटों की जानकारी पोर्टल पर नहीं डाली. इन स्कूलों को पहले 23 मई तक का समय दिया गया था. जिसे बाद में 26 मई तक बढ़ा दिया गया. लेकिन कई स्कूलों ने अंतिम तिथि तक भी जानकारी साझा नहीं की. ऐसे स्कूलों की सूची अब जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा निदेशालय को भेजी जाएगी.
मान्यता रद्द होने का खतरा
20 जून तक गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची जारी कर दी जाएगी. इसके लिए सभी स्कूलों को अपनी मान्यता से संबंधित दस्तावेज और सीटों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. प्रोफार्मा के माध्यम से जानकारी एकत्र कर जिला शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा, जो कि पोर्टल पर दी गई जानकारी का सत्यापन करेगा.
सरकार की चेतावनी
जिन स्कूलों ने पोर्टल पर अब तक जानकारी साझा नहीं की है. उन्हें लेकर शिक्षा विभाग की नजर सख्त हो गई है. इन स्कूलों को गैर मान्यता प्राप्त घोषित किया जा सकता है. जिससे उनका संचालन रुक सकता है. जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह के अनुसार, ऐसे सभी स्कूलों की रिपोर्ट तैयार कर सीधे निदेशालय को भेजी जाएगी.