Smart Meter Scheme: राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 1.43 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देने की तैयारी पूरी कर ली है. अब हर घर दुकान ऑफिस और फैक्ट्री में स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य होगा. इस योजना के जरिए उपभोक्ताओं को न केवल टेक्नोलॉजी से जुड़ने का मौका मिलेगा. बल्कि उन्हें 15 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती भी मिलेगी बशर्ते वे प्रीपेड सिस्टम को अपनाएं.
स्मार्ट मीटर लगवाना होगा जरूरी
सरकार की ओर से साफ निर्देश दिए गए हैं कि स्मार्ट मीटर लगवाना हर उपभोक्ता के लिए जरूरी होगा. यह व्यवस्था घरेलू कृषि और व्यवसायिक सभी उपभोक्ताओं पर लागू होगी. सबसे बड़ी बात ये है कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. अगर कोई व्यक्ति या एजेंसी आपसे इसके लिए पैसे मांगती है तो आप टोल फ्री नंबर 1912 या 18001806507 पर शिकायत कर सकते हैं.
‘बिजली मित्र’ ऐप से जुड़ेगा मीटर
- स्मार्ट मीटर को ‘बिजली मित्र’ मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा. जिससे उपभोक्ता अपने मीटर की रीडिंग खर्च और बैलेंस को रियल टाइम में देख सकेंगे.
- अगर आप प्रीपेड ऑप्शन को चुनते हैं यानी ‘पहले पैसा फिर बिजली’ तो आपको हर यूनिट पर 15 पैसे की छूट भी मिलेगी.
- यह ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा और इसे बिजली वितरण कंपनियों द्वारा प्रमोट किया जाएगा.
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को मिलेंगे ये बड़े फायदे
स्मार्ट मीटर सिर्फ एक मीटर नहीं बल्कि एक बिजली प्रबंधन उपकरण है जो आपके खर्च और बिजली के इस्तेमाल पर नजर रखने में मदद करेगा.
रियल टाइम ट्रैकिंग:
आप जान सकेंगे कि आपके घर दुकान या फैक्ट्री में हर समय कितनी बिजली की खपत हो रही है.
बिजली की बर्बादी रोकेगा:
अगर कोई उपकरण बिना जरूरत चल रहा है तो आप तुरंत जान पाएंगे और उसे बंद कर सकेंगे.
फॉल्ट की जानकारी तुरंत:
अगर बिजली गुल होती है तो वितरण कंपनी को तुरंत सूचना मिल जाती है जिससे समस्या जल्दी हल होती है.
गलत बिलिंग से राहत:
स्मार्ट मीटर की वजह से बिल में गलतियों की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी. सभी रीडिंग ऑटोमैटिक होंगी.
ऑटोमेटेड बिलिंग:
अब बिल बनाने के लिए किसी कर्मचारी के मीटर रीडिंग लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बिल सीधे सिस्टम में जनरेट होगा.
किस डिस्कॉम में कितने मीटर लगेंगे और कितनी लागत आएगी
राज्य सरकार ने तीनों प्रमुख डिस्कॉम क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए बजट और लक्ष्य तय कर दिए हैं.
जयपुर डिस्कॉम:
- मीटर संख्या: 47.63 लाख
- लागत: ₹3138 करोड़
अजमेर डिस्कॉम:
- मीटर संख्या: 54.32 लाख
- लागत: ₹3663 करोड़
जोधपुर डिस्कॉम:
- मीटर संख्या: 40.80 लाख
- लागत: ₹2877 करोड़
इन तीनों वितरण कंपनियों के माध्यम से पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटरों की स्थापना जल्द शुरू कर दी जाएगी.
प्रीपेड सिस्टम से उपभोक्ताओं को और भी फायदे
स्मार्ट मीटर में प्रीपेड बिजली कनेक्शन का विकल्प सबसे आकर्षक है. इसमें उपभोक्ता पहले अपना रिचार्ज करवाता है और फिर उतनी ही बिजली का उपयोग करता है.
इसके फायदे हैं:
- हर महीने बजट मेंटेन करना आसान
- बिना बिल की झंझट
- बिजली का नियंत्रण खुद के हाथ में
- ओवरचार्जिंग या अतिरिक्त बिल की परेशानी खत्म
कब और कैसे शुरू होगा यह काम?
राज्य सरकार के मुताबिक स्मार्ट मीटर लगाने का काम जून 2025 से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा.
- पहले चरण में शहरी क्षेत्रों और अधिक खपत वाले उपभोक्ताओं को कवर किया जाएगा.
- दूसरे चरण में ग्रामीण उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे.
इस योजना को 2026 के अंत तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है.
उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की सलाह
सरकार ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे
- अगर कोई समस्या हो तो संबंधित डिस्कॉम कार्यालय या बिजली मित्र ऐप पर शिकायत दर्ज करें
- किसी भी झूठे वसूलीकर्ता से सावधान रहें
- मीटर लगाते समय वर्क ऑर्डर या आईडी कार्ड जरूर मांगें