Electricity Bill Alert: जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुराने बिजली बिल बकायों को चुकता करने के लिए एमनेस्टी योजना की अवधि मार्च 2026 तक बढ़ा दी है. यह उपभोक्ताओं के लिए अंतिम अवसर है. जिसके तहत उन्हें मासिक किश्तों में अपनी पुरानी बकाया राशियों का भुगतान करना होगा.
एक से अधिक किश्त नहीं भरी तो कट सकता है बिजली कनेक्शन
बिजली निगम ने चेतावनी दी है कि अगर उपभोक्ता एक से अधिक किश्त का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनका बिजली कनेक्शन काटा जा सकता है—even अगर वे अपने मौजूदा बिल नियमित रूप से भर रहे हों. यह फैसला गर्मी के मौसम में उपभोक्ताओं को चेतावनी देने के उद्देश्य से लिया गया है.
हर माह की जाएगी बिजली बिल की समीक्षा
अब बिजली बिल की समीक्षा वित्तीय वर्ष के अंत में नहीं. बल्कि हर महीने की जाएगी. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बिजली निगम को निर्देश दिए हैं कि राजस्व वसूली प्रणाली को नियमित प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिससे बकायादारी पर समय रहते कार्रवाई की जा सके.
लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी राजस्व वसूली में लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. पावर डेवेलपमेंट डिपार्टमेंट ने स्मार्ट मीटर वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को पहले ही प्रीपेड सिस्टम में बदल दिया है.
उपभोक्ताओं को नियमित बिल और बकाया दोनों भरने होंगे
अब उपभोक्ताओं को हर माह का नियमित बिजली बिल तो भरना ही होगा. साथ ही एमनेस्टी योजना के अंतर्गत जारी बकाया बिल की किश्तें भी समय पर जमा करनी होंगी. किसी भी किस्त की चूक पर विभाग कार्रवाई करेगा.
बिजली विभाग पर सालाना खर्च 8-9 हजार करोड़ रुपये
बिजली निगम के प्रवक्ता के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में हर साल बिजली खरीद पर लगभग 8 से 9 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं. इसके बावजूद तय राजस्व का पूरा वसूली न हो पाना चिंता का विषय है. बकायादारी की राशि 400 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है.
फील्ड अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश
राज्य प्रशासन ने सभी डिवीजन इंचार्ज को राजस्व वसूली और बिजली चोरी रोकने को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी बनाने के निर्देश दिए हैं. दिन और रात दोनों समय ओवरलोड फीडरों और स्मार्ट मीटर इलाकों में औचक निरीक्षण किया जाएगा और बकायादारों की हर माह समीक्षा की जाएगी.
बिल न चुकाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
बिजली विभाग ने दो टूक कहा है कि चाहे उपभोक्ता स्मार्ट मीटर के अधीन हो या नहीं, अगर वह बिल का भुगतान नियमित रूप से नहीं करता, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. राजस्व वसूली और बिजली चोरी की मासिक रिपोर्ट प्रशासन को सौंपनी होगी.