New Guidelines For Schools: पंजाब में लगातार बढ़ रहे तापमान और आगामी हीटवेव के खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. डायरैक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन, पंजाब ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. यह गाइडलाइन्स राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा तैयार की गई हैं.
एनडीएमए के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को हिदायत दी है कि एनडीएमए द्वारा तैयार ‘हीट वेव प्रबंधन दिशा-निर्देश’ का सख्ती से पालन किया जाए. स्कूलों की सुबह की सभा, फिजिकल एजुकेशन पीरियड्स और कक्षाओं के दौरान इन दिशा-निर्देशों को बच्चों को विस्तार से समझाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा स्कूल प्रबंधन को बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम करने को भी कहा गया है.
बच्चों को धूप से बचाने के लिए ये एहतियाती कदम जरूरी
- सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे के बीच बच्चों को धूप में खेलने या बाहर निकलने से रोकें.
- बच्चों को बार-बार पानी पीने के लिए प्रेरित करें. भले ही उन्हें प्यास न लगी हो.
- नींबू पानी, नारियल पानी या ओआरएस जैसे तरल पदार्थों के सेवन को बढ़ावा दें.
- बच्चों को हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े पहनाएं ताकि शरीर को ठंडक मिल सके.
- धूप में बाहर निकलते समय टोपी, छतरी या सिर पर कपड़ा रखने की सलाह दें. साथ ही आंखों के लिए सनग्लासेस का उपयोग कराएं.
खेल और शारीरिक गतिविधियों पर गर्मी में रोक
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि तेज गर्मी के दौरान शारीरिक अभ्यास जैसे पीटी पीरियड्स या खेलकूद गतिविधियों को स्थगित किया जाए. बच्चों को भीड़भाड़ वाले या बिना वेंटिलेशन वाले स्थानों में रखने से बचने के लिए भी कहा गया है. इससे बच्चों को गर्मी से राहत मिलेगी और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा कम होगा.
बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह
बच्चों को ठंडी छाछ, दही और ताजे फल जैसे तरबूज, खीरा आदि खाने के लिए प्रोत्साहित करें. ये खाद्य पदार्थ शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं और ऊर्जा स्तर को बनाए रखते हैं. सही खानपान से बच्चों को गर्मी से लड़ने में ताकत मिलती है.
किसी भी अस्वस्थता के लक्षण नजर आएं तो तुरंत इलाज कराएं
अगर किसी बच्चे को अत्यधिक पसीना आना, चक्कर आना, सुस्ती महसूस होना या उल्टी जैसी शिकायत हो तो उसे तुरंत छायादार स्थान पर लाएं. बच्चे को पानी पिलाएं और बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें. सही समय पर की गई देखभाल से गंभीर स्थिति को टाला जा सकता है.