Delhi Power Off: हर साल 22 अप्रैल को अर्थ डे (Earth Day) मनाया जाता है और इस बार दिल्ली सरकार ने इसे खास और असरदार बनाने के लिए जनता से एक सीधी अपील की है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी दिल्लीवासियों से अनुरोध किया है कि वे 22 अप्रैल की रात 8 बजे 5 मिनट के लिए अपने घर, दफ्तर और सार्वजनिक स्थलों की बिजली बंद करें. यह छोटा सा प्रयास बड़े परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बन सकता है.
5 मिनट की बिजली बंदी से होगा बड़ा फायदा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संदेश में बताया कि सिर्फ 5 मिनट के लिए बिजली बंद करने से दिल्ली में 0.727 टन कार्बन डाईऑक्साइड प्रति मेगावाट घंटे तक का उत्सर्जन घटाया जा सकता है. यह न केवल ऊर्जा की बचत करेगा. बल्कि दिल्ली जैसे महानगर में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा.
“हमारी ऊर्जा—हमारा ग्रह”: इस साल की थीम
इस बार अर्थ डे की थीम है “हमारी ऊर्जा—हमारा ग्रह” (Our Energy, Our Earth). मुख्यमंत्री ने इस थीम को ध्यान में रखते हुए कहा कि यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारी रोजमर्रा की आदतें पृथ्वी की सेहत से जुड़ी हैं?
उन्होंने स्पष्ट कहा, “हां और बहुत गहराई से जुड़ी हैं. इसलिए अब केवल चिंता नहीं, बल्कि सही चुनाव करने का वक्त आ गया है—जागरूकता, बदलाव और जिम्मेदारी का चुनाव.”
दिल्ली की बढ़ती बिजली खपत पर जताई चिंता
सीएम गुप्ता ने यह भी बताया कि दिल्ली में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. पिछले साल राजधानी में 8656 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी और इस साल इसके 9000 मेगावाट पार करने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि सरकार इस जरूरत को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम सभी बिजली का विवेकपूर्ण और जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करें.
5 मिनट का अंधकार: भविष्य के उजाले की राह
अपने संदेश में सीएम ने बेहद प्रेरणात्मक शब्दों में कहा कि “5 मिनट का अंधकार हमारे भविष्य के लिए एक उजाले की राह बन सकता है.” यह केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं। बल्कि एक सामूहिक संकल्प होगा जो दिखाएगा कि राजधानीवासी पर्यावरण को लेकर जागरूक और जिम्मेदार हैं.
कैसे लें इस मुहिम में हिस्सा?
दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि 22 अप्रैल को रात 8 बजे:
- अपने घर की लाइट्स, पंखे और गैर-जरूरी उपकरण बंद कर दें
- दफ्तरों और दुकानों में विज्ञापन या शोकेस लाइटिंग को भी कुछ देर के लिए बंद किया जाए
- स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थान इस संदेश को आगे फैलाएं
- परिवार और दोस्तों को इस मुहिम से जोड़ें और सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं
पर्यावरण पर पड़ेगा सकारात्मक असर
बिजली उत्पादन में उपयोग होने वाला कोयला, गैस और डीजल जैसे संसाधन पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं. इनसे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ती है. अगर 5 मिनट के लिए ही सही हम बिजली का उपयोग रोकते हैं तो इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वातावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
बच्चों और युवाओं के लिए पर्यावरण शिक्षा का मौका
यह मुहिम बच्चों और युवाओं को पर्यावरण शिक्षा से जोड़ने का भी एक बेहतरीन अवसर है. स्कूलों में पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग और नुक्कड़ नाटक जैसे आयोजनों के जरिए उन्हें यह सिखाया जा सकता है कि छोटे-छोटे प्रयास कैसे बड़े बदलाव ला सकते हैं.
बिजली बचाने की आदत डालना जरूरी
सीएम ने यह भी कहा कि 5 मिनट की बिजली बंद करना सिर्फ एक दिन की मुहिम नहीं होनी चाहिए. यह शुरुआत हो सकती है बिजली बचाने की आदत की, जैसे:
- अनावश्यक लाइट्स बंद रखना
- एनर्जी सेविंग बल्बों का उपयोग करना
- दिन में अधिकतम प्राकृतिक रोशनी का इस्तेमाल
- एसी और पंखों का संतुलित उपयोग
- पुराने उपकरणों को ऊर्जा दक्ष मॉडल से बदलना