Delhi Traffic Challan Report: देश की राजधानी दिल्ली में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि दिल्ली की सड़कों पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के वाहन सबसे ज्यादा ट्रैफिक नियम तोड़ रहे हैं. यह खुलासा कैमरों और ऑन स्पॉट चालान के जरिए जुटाए गए डेटा से हुआ है.
हरियाणा-यूपी के वाहनों की मिलीजुली 36% से ज्यादा हिस्सेदारी
दिल्ली में नियम तोड़ने वाले बाहरी वाहनों में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के वाहन सबसे ऊपर हैं. ट्रैफिक विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा और यूपी के वाहनों की संयुक्त हिस्सेदारी 36.61 फीसदी है.
- हरियाणा: 21.29%
- उत्तर प्रदेश: 15.32%
- अन्य सभी राज्यों के वाहन: केवल 5.53%
यह दर्शाता है कि बाहरी राज्यों में सबसे ज्यादा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी इन्हीं दो राज्यों के वाहन चालक कर रहे हैं.
दिल्ली के वाहनों की भी बड़ी हिस्सेदारी
यह जरूर है कि दिल्ली के वाहन खुद भी ट्रैफिक नियमों के बड़े उल्लंघनकर्ता हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के खुद के वाहनों द्वारा नियम तोड़ने की 77.93 फीसदी हिस्सेदारी है.
- दिल्ली के चालान: 12,31,717
- हरियाणा के चालान: 1,54,833
- यूपी के चालान: 1,40,155
- अन्य राज्यों के चालान: केवल 3.40%
इन आंकड़ों से यह भी साफ होता है कि दिल्ली में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी एक सर्वव्यापी समस्या बन चुकी है. लेकिन बाहरी राज्यों के वाहन खासतौर पर नियम तोड़ने में सबसे आगे हैं.
1 जनवरी से 8 जून 2025 तक जारी किए गए 13.38 लाख चालान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सत्यबीर कटारा के अनुसार 1 जनवरी से 8 जून 2025 तक कुल 13,38,057 चालान जारी किए गए हैं. इनमें से 57.86 फीसदी मामलों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हुआ. इसमें सबसे ज्यादा 21.29 फीसदी चालान हरियाणा के वाहनों पर और 15.32 फीसदी यूपी के वाहनों पर किए गए हैं.
कैमरे और ऑन स्पॉट चालानों में भी हरियाणा-यूपी अव्वल
दिल्ली पुलिस द्वारा ट्रैफिक निगरानी के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों और ऑन स्पॉट पुलिस कार्रवाई दोनों ही माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. दोनों श्रेणियों में हरियाणा और यूपी के वाहन चालकों की नियम उल्लंघन की दर सबसे ज्यादा पाई गई है.
- हरियाणा (ऑन स्पॉट चालान): 9.80%
- यूपी (ऑन स्पॉट चालान): 8.87%
यह आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि न केवल कैमरे बल्कि पुलिस द्वारा मौके पर पकड़े जाने के मामलों में भी इन राज्यों के वाहन ही सबसे अधिक दोषी पाए गए हैं.
अन्य राज्यों की हिस्सेदारी बेहद कम
दिल्ली में चलने वाले अन्य राज्यों के वाहनों की तुलना में हरियाणा और यूपी के वाहन कहीं ज्यादा नियमों की अनदेखी करते हैं. जहां अन्य सभी राज्यों की कुल हिस्सेदारी सिर्फ 5.53 फीसदी है. वहीं अकेले हरियाणा और यूपी 36% से ज्यादा का आंकड़ा पार कर रहे हैं. यह अंतर नियम पालन के मामले में गंभीर असंतुलन को दर्शाता है.
दिल्ली ट्रैफिक विभाग के लिए बड़ी चुनौती
इस तरह के आंकड़े दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी करते हैं. राजधानी में लाखों की संख्या में बाहरी राज्य के वाहन हर रोज प्रवेश करते हैं. ऐसे में, केवल दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी काफी नहीं रह जाती. विशेषज्ञों का मानना है कि राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने, डिजिटल चालान व्यवस्था को सख्ती से लागू करने और जन-जागरूकता अभियानों को तेज़ करने की जरूरत है.
सड़क सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर असर
रिपोर्ट बताती है कि नियम उल्लंघन की ये घटनाएं सड़क पर दुर्घटनाओं और जाम की बड़ी वजह बनती हैं. यदि नियमों का पालन हर कोई करने लगे, तो ट्रैफिक सुचारु हो सकता है. लेकिन जब बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन ही सबसे ज्यादा नियम तोड़ें, तो राजधानी की सड़क व्यवस्था बिगड़ना तय है.