Petrol Diesel Rate: ब्लूमबर्ग के मुताबिक ब्रेंट क्रूड का जुलाई वायदा भाव 0.61% गिरकर $60.69 प्रति बैरल पहुंच गया है. वहीं यूएस WTI क्रूड भी जून डिलीवरी के लिए $57.73 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कमजोरी और सऊदी अरब द्वारा सप्लाई बढ़ाने की आशंका इस गिरावट की प्रमुख वजहें हैं.
₹10-12 प्रति लीटर तक घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर क्रूड के दाम इसी स्तर पर बने रहते हैं, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ₹10-12 प्रति लीटर तक की कमी संभव है. हालांकि अभी तक तेल कंपनियों ने इसका लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है और मुनाफा बरकरार है.
55 डॉलर तक लुढ़क सकता है क्रूड
SS वेल्थस्ट्रीट की सुगंधा सचदेवा के अनुसार “अगर मांग कमजोर रही और सप्लाई बढ़ती रही, तो ब्रेंट क्रूड $55 प्रति बैरल तक गिर सकता है.” ऐसी स्थिति में भारत में ईंधन पर बड़ी राहत संभव है.
सरकार एक्साइज ड्यूटी में काट ले रही फायदा
बीते 8 अप्रैल को IOC ने पेट्रोल का बेस प्राइस ₹2 घटाया। लेकिन सरकार ने उतनी ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर रेट स्थिर रखे. इसलिए दिल्ली में अभी भी पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर बिक रहा है.
क्यों गिर रहे हैं कच्चे तेल के दाम?
- अमेरिका की GDP में गिरावट
- चीन-अमेरिका व्यापार तनाव
- ग्लोबल मंदी की आशंका
- OPEC+ देशों में मतभेद
ये सभी फैक्टर कच्चे तेल की कीमतों को नीचे खींच रहे हैं.
2025 के लिए डिमांड अनुमान घटा
एनालिटिक्स फर्म केप्लर ने 2025 के लिए तेल की वैश्विक मांग को 8 लाख बैरल/दिन से घटाकर 6.4 लाख बैरल/दिन कर दिया है. भारत और चीन में मांग घटने और टैरिफ नीतियों को इसका कारण बताया गया है.
अमेरिका में स्टॉक घटा, सऊदी उत्पादन बढ़ाने को तैयार
यूएस एनर्जी डिपार्टमेंट के अनुसार बीते सप्ताह 2.7 मिलियन बैरल कच्चा तेल घटा, जबकि 4.29 लाख बैरल की वृद्धि की उम्मीद थी. रॉयटर्स के अनुसार OPEC+ की जून बैठक में कुछ देश उत्पादन बढ़ाने का प्रस्ताव दे सकते हैं.
क्या जल्द घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?
अगर ब्रेंट क्रूड $55-$60 के स्तर पर बना रहता है, तो भारत सरकार और तेल कंपनियों पर ईंधन सस्ता करने का दबाव बढ़ेगा. यह उपभोक्ताओं के लिए आने वाले हफ्तों में बड़ी राहत साबित हो सकती है.