New Traffic Rule: कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और ट्रैफिक में आ रही लगातार समस्याओं के समाधान के लिए पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने एक अहम फैसला लिया है. रविवार रात पुलिस लाइन में ट्रैफिक पुलिस के साथ हुई बैठक में उन्होंने ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए. इस बैठक में सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया कि अब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल चालान नहीं काट सकेंगे. चालान की जिम्मेदारी अब सिर्फ ट्रैफिक इंस्पेक्टर और उप-निरीक्षक (SI) के पास होगी.
कांस्टेबल की भूमिका में बदलाव
पुलिस कमिश्नर ने यह स्पष्ट किया कि ट्रैफिक कांस्टेबलों का मुख्य काम अब सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखना होगा. वे चौराहों पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में और मुख्य मार्गों पर यातायात को नियंत्रित करने का कार्य करेंगे. चालान काटने का अधिकार सिर्फ उन अधिकारियों को होगा जिनका रैंक इंस्पेक्टर या एसआई है.
अतिक्रमण पर अब होगी सख्त कानूनी कार्रवाई
बैठक में यह भी तय किया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी. सड़क किनारे ठेले, ई-रिक्शा, दुकानें आदि लगाकर जो लोग ट्रैफिक में बाधा डालते हैं. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इस कार्रवाई को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 के अंतर्गत किया जाएगा.
ट्रैफिक पुलिस ऐसे मामलों में मौके की तस्वीरें खींचकर, चालान रिपोर्ट बनाकर संबंधित सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) न्यायालय को रिपोर्ट भेजेगी.
इंस्पेक्टर भेजेंगे रिपोर्ट, फोटो के साथ कोर्ट में होगी पेशी
कमिश्नर ने सभी ट्रैफिक इंस्पेक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने क्षेत्र में जो अतिक्रमण की घटनाएं हो रही हैं. उनकी जानकारी ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर (SI) से लेकर पूरी रिपोर्ट तैयार की जाए. इसमें अतिक्रमण की जगह की फोटो भी शामिल हो और रिपोर्ट को एसीपी न्यायालय तक भेजा जाए. ताकि कोर्ट लेवल पर सख्त कार्रवाई हो सके.
हर महीने डेढ़ लाख चालान
पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार हर महीने औसतन 1.5 लाख चालान ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के काटे जाते हैं. इस बड़ी संख्या के बावजूद ट्रैफिक सुधार में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल रही थी. इसी के चलते अब ट्रैफिक कांस्टेबलों को चालान से हटाकर व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है. ताकि वे अपने कर्तव्यों पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकें.
बैंक्वेट हॉल, होटल में समारोह से पहले देनी होगी जानकारी
बैठक में एक और अहम बिंदु यह भी रहा कि अब कोई भी बड़ा समारोह होटल, बैंक्वेट हॉल या फार्महाउस में होता है तो उसकी पूर्व सूचना ट्रैफिक पुलिस को देना अनिवार्य होगी. आयोजक को यह जानकारी ईमेल के माध्यम से ADCP ट्रैफिक को भेजनी होगी. ताकि ट्रैफिक पुलिस वहां यातायात की व्यवस्था पहले से कर सके.
आयोजकों को यह मेल [email protected] पर भेजनी होगी. साथ ही कार्यक्रम स्थलों के प्रबंधकों के साथ जल्द ही एक अलग से बैठक की जाएगी. जिसमें उन्हें इन निर्देशों की जानकारी दी जाएगी.
समारोह स्थलों पर ट्रैफिक की योजना पहले से तैयार होगी
अब किसी भी बड़े आयोजन की सूचना मिलने पर ट्रैफिक विभाग उस क्षेत्र के लिए पहले से योजना बना सकेगा. इससे आयोजनों के दौरान लगने वाले ट्रैफिक जाम को रोका जा सकेगा. यह कदम उन इलाकों में और भी ज्यादा कारगर साबित होगा जहां पहले से ही ट्रैफिक भारी रहता है.
नियम तोड़ने वालों पर सख्ती
इन नए बदलावों का मुख्य उद्देश्य यह है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती की जाए और आम नागरिकों को राहत मिल सके. ट्रैफिक पुलिस अब सिर्फ चालान पर निर्भर नहीं रहेगी बल्कि व्यवस्था बनाए रखने और अतिक्रमण रोकने में भी सक्रिय भूमिका निभाएगी.
नागरिकों से सहयोग की अपील
पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ ने जनता से भी अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अराजकता या अतिक्रमण की स्थिति न बनाएं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को ट्रैफिक से जुड़ी समस्या हो तो वे ट्रैफिक विभाग को सूचित करें.