गंगा एक्सप्रेसवे की अधिग्रहीत जमीन का नही मिला मुआवजा, कई गांवों के किसान लिस्ट में शामिल Ganga Expressway Land Dispute

Ganga Expressway Land Dispute: देशभर में सड़क संपर्क और तेज यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर एक्सप्रेसवे निर्माण करवा रही है. इन्हीं परियोजनाओं में एक है गंगा एक्सप्रेसवे, जिसे उत्तर प्रदेश के कई जिलों से होकर गुजारा जा रहा है. लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना के बीच किसानों की जमीन अधिग्रहण से जुड़ा बड़ा विवाद सामने आया है.

MLC धर्मेंद्र सिंह ने विधान परिषद में उठाया सवाल

मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में MLC धर्मेंद्र सिंह ने यह मामला प्रमुखता से उठाया. उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी, उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है, जबकि शासन की ओर से आर्थिक सहायता की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है.

किन गांवों के किसानों को नहीं मिला मुआवजा?

MLC ने बताया कि वाराणसी जिले के सदर तहसील के कई गांवों, जैसे:

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  • पांडेयपुर
  • आयर
  • सरईयां
  • सुलेमापुर
  • भटपुरवा कला
  • भटौंली कोहासी

इन गांवों के किसानों की जमीन गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई, लेकिन अब तक उन्हें एक रुपया भी मुआवजा नहीं दिया गया है.

बार-बार अधिकारियों से संपर्क, फिर भी कोई हल नहीं

MLC धर्मेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि इस मुद्दे को कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखा गया, और लिखित व मौखिक रूप से शिकायतें दी गईं. इसके बावजूद प्रभावित किसान आज भी मुआवजा पाने के लिए भटक रहे हैं.

किसानों में बढ़ रहा आक्रोश

कई महीनों से अधूरे भुगतान के चलते किसानों में भारी नाराजगी है.

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उनका कहना है कि जबरन जमीन लेने के बाद अगर सरकार समय पर मुआवजा नहीं देगी, तो भविष्य में कोई किसान विकास योजनाओं के लिए अपनी जमीन देने को तैयार नहीं होगा.

MLC की मांग

  • धर्मेंद्र सिंह ने विधान परिषद में स्पष्ट तौर पर शासन से मांग की कि किसानों को तत्काल प्रभाव से उनका मुआवजा दिया जाए.
  • उन्होंने कहा कि यदि समय पर यह मुद्दा सुलझाया नहीं गया, तो यह मामला आंदोलन की शक्ल ले सकता है.

गंगा एक्सप्रेसवे क्या है?

  • गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी सड़क परियोजनाओं में से एक है.
    यह परियोजना मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 600 किमी लंबी होगी और इसमें कई जिलों की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जा रही है.
  • सरकार का दावा है कि इस परियोजना से राज्य के विकास को स्पीड मिलेगी, लेकिन मुआवजा जैसे मुद्दे इसके क्रियान्वयन को प्रभावित कर सकते हैं.

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