भारत में सेना की वर्दी नही खरीद सकते नागरिक, बाजार में फौजियों की ड्रेस बेचने की है पाबंदी Army Uniform Rule

Army Uniform Rule: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। 26 निर्दोष पर्यटकों की जान लेने वाले हमलावर सेना और पुलिस की वर्दी में थे। वर्दी की वजह से न तो आम लोग खतरे को पहचान पाए और न ही समय रहते सतर्क हो सके। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि आर्मी यूनिफॉर्म का गलत इस्तेमाल देश की सुरक्षा और आम नागरिकों के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकता है।

सेना की वर्दी का गलत इस्तेमाल

सवाल उठना लाजमी है – जब सेना और पुलिस की वर्दी की बिक्री आम दुकानों पर प्रतिबंधित है, तो ये आम लोगों या अपराधियों तक कैसे पहुंच रही है? कुछ साल पहले तक कैंट इलाकों की दुकानों पर सेना की वर्दी का कपड़ा मिल जाता था। लेकिन अब सरकार ने इसकी बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। फिर भी जाली सप्लाई, नकली डीलर्स और कुछ गैर-कानूनी टेलर्स के जरिए यह कपड़ा अभी भी कुछ हाथों में पहुंच रहा है।

मोदी सरकार ने 2022 में लिया बड़ा फैसला

साल 2022 में केंद्र सरकार ने सेना के ड्रेस कोड में बड़ा बदलाव किया। नया पैटर्न लाने के साथ ही सेना की वर्दी की बिक्री को पूरी तरह से नियंत्रित कर दिया गया। अब न तो मार्केट में सेना की असली वर्दी बिकती है और न ही उसका कपड़ा। केवल सेना के स्टोर ही अधिकृत हैं जहां सिर्फ सैनिक ही अपने आईडी कार्ड दिखाकर वर्दी ले सकते हैं। इससे नकली वर्दी पहनने वालों पर लगाम कसने की कोशिश की गई है।

यह भी पढ़े:
Mac Mohan Daughter शोले फिल्म के सांभा की बेटी के सामने हिरोईनें भी फेल, खूबसूरती में देती है सबको मात Mac Mohan Daughter

वर्दी की डुप्लीकेसी रोकने के लिए क्या किया जा रहा है?

आर्मी के नए ड्रेस कोड की नकल रोकने के लिए सेना ने सदर बाजार, तोपखाना और अन्य बड़े मार्केट्स में लगातार निरीक्षण शुरू किया है। दुकानदारों और टेलर्स को चेतावनी दी जाती है कि वे सेना जैसी दिखने वाली यूनिफॉर्म न बेचें। अगर कोई ऐसा करता पाया गया, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दुकानों पर अब सेना की वर्दी से मिलते-जुलते कपड़े भी रखना मना है।

सिविलियंस के लिए सेना की वर्दी पहनना है अपराध

भारत में आम नागरिक सेना, CRPF या पुलिस जैसी वर्दी पहन नहीं सकते। आईपीसी की धारा 140 और 171 के तहत यह दंडनीय अपराध है। किसी भी आम व्यक्ति द्वारा आर्मी जैसी वर्दी पहनने पर ₹500 जुर्माना या 3 महीने की जेल तक की सजा हो सकती है। फिर भी कुछ लोग फैशन के नाम पर ‘कॉम्बैट यूनिफॉर्म’ पहन लेते हैं। जिससे समाज में भ्रम फैलता है और यह अपराध की संभावना को बढ़ाता है।

बदल चुका है सेना का ड्रेस डिजाइन

सेना की नई वर्दी में कैमोफ्लाज पैटर्न, पतली बेल्ट, और ढीली फिटिंग शामिल है। पहले की तरह बेल्ट ऊपर नहीं होती, अब शर्ट बाहर पहनने का चलन शुरू हुआ है। दुकानदारों के अनुसार अब सेना की वर्दी बाजार में बिक ही नहीं सकती। नया पैटर्न सिर्फ सेना के कैंटीन से ही उपलब्ध है और उसकी बिक्री पर भी सख्त निगरानी रखी जाती है।

यह भी पढ़े:
Gold-Silver Price Today 25 april शुक्रवार शाम को 24 कैरेट कीमतों में गिरावट, जाने 10 ग्राम सोने की नई कीमत Sona Chandi Ka Bhav

दुकानदारों की जिम्मेदारी भी तय

पहले कुछ दुकानदार अधिकृत थे जो सैनिकों को कपड़ा और सिलाई की सेवा प्रदान करते थे। इसके लिए उन्हें सैनिक का आईडी कार्ड देखना पड़ता था, रजिस्टर में नाम और विवरण दर्ज करना होता था। लेकिन अब ऐसा कोई लेन-देन सेना के कैंटीन स्टोर के बाहर नहीं किया जा सकता। व्यापारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे आर्मी जैसी किसी भी चीज की बिक्री से बचें, वरना उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।

वर्दी के नाम पर आतंकियों की चाल

पहलवगाम में हुआ हमला इस बात का सबूत है कि आतंकी अब आम लोगों के बीच घुल-मिलने के लिए सेना की वर्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्दी में छिपा अपराधी न सिर्फ जान का खतरा बनता है। बल्कि सेना की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है। यही वजह है कि वर्दी की आपूर्ति, बिक्री और उपयोग को लेकर अब सरकार और सेना दोनों बेहद सजग और सख्त हो गए हैं।

यह भी पढ़े:
Special attention given to villages हरियाणा के इन गांवों पर सरकार देगी खास ध्यान, लिया ये बड़ा फैसला Haryana news

Leave a Comment

WhatsApp Group