School Education Quality: छत्तीसगढ़ सरकार अब सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और गुणवत्तापूर्ण बनाने पर विशेष जोर दे रही है. इसी कड़ी में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ की शुरुआत की जा रही है. इसका उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों को शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्रों में बदलना है.
सामाजिक ऑडिट से होगी सरकारी स्कूलों की जांच
इस अभियान के तहत सबसे पहले सभी सरकारी स्कूलों का सामाजिक ऑडिट कराया जाएगा. यह ऑडिट शैक्षणिक प्रदर्शन, संसाधनों की उपलब्धता और स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर आधारित होगा. इससे प्रत्येक स्कूल की मौजूदा स्थिति का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सकेगा.
ग्रेडिंग प्रणाली के जरिए मापी जाएगी शिक्षा की गुणवत्ता
सामाजिक ऑडिट के परिणामों के आधार पर स्कूलों को ग्रेडिंग दी जाएगी. यह ग्रेडिंग स्कूल के शैक्षणिक प्रदर्शन का प्रत्यक्ष मापदंड होगी.
- उच्च ग्रेड वाले स्कूलों को प्रोत्साहित किया जाएगा
- कम ग्रेड प्राप्त करने वाले स्कूलों में सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे
यह ग्रेडिंग प्रणाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक प्रभावी साधन मानी जा रही है.
कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
जिन स्कूलों को कम ग्रेडिंग मिलेगी, वहां के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण उनके शैक्षणिक कौशल को सुधारने और पढ़ाने के आधुनिक तरीकों से अवगत कराने में सहायक होगा. इसका लक्ष्य यह है कि हर शिक्षक छात्रों की सीखने की क्षमता को बेहतर बना सके.
निजी शिक्षकों के लिए भी ट्रेनिंग की व्यवस्था
अब तक केवल शासकीय शिक्षकों को ही राज्य स्तरीय प्रशिक्षण मिलता था, लेकिन अब अशासकीय शिक्षकों को भी यह सुविधा मिलेगी.
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा उन्हें सरकारी शिक्षकों की तरह प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए विशेष समिति गठित कर दी गई है, जो प्रशिक्षण के लिए समग्र कार्ययोजना तैयार करेगी.
निजी स्कूलों की पुरानी मांग अब पूरी
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल्स लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि निजी शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाए. अब सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार कर प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें शामिल कर लिया है.
प्रदेश में एक लाख से अधिक अशासकीय शिक्षक
छत्तीसगढ़ में इस समय एक लाख से ज्यादा अशासकीय शिक्षक कार्यरत हैं, जो अब इस प्रशिक्षण योजना से लाभान्वित होंगे. इसके अतिरिक्त, प्रदेश में 140 से अधिक अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय भी हैं, जहां से हर साल हजारों शिक्षक निकलते हैं. इस योजना से उनकी शैक्षिक गुणवत्ता और पेशेवर क्षमता में भी सुधार होगा.
शिक्षा की गुणवत्ता में आएगा व्यापक बदलाव
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत की जा रही पहलें न केवल सरकारी स्कूलों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के शिक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी क्रांतिकारी शुरुआत मानी जा रही हैं. इससे सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी.
सरकार की प्रतिबद्धता शिक्षा सुधार को लेकर स्पष्ट
यह अभियान स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में केवल आधारभूत सुविधा नहीं, बल्कि गुणवत्ता सुधार को प्राथमिकता दे रही है. भविष्य में यह अभियान छत्तीसगढ़ को देश के सबसे शिक्षित राज्यों की कतार में लाने की दिशा में एक मजबूत कदम बन सकता है.