Bad Credit Score: जब आप कार लोन लेने जाते हैं, तो बैंक या फाइनेंस कंपनियां सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर देखती हैं. अगर यह स्कोर कम है, यानी 600 से नीचे, तो यह दर्शाता है कि आपकी वित्तीय विश्वसनीयता कमजोर है. ऐसे में बैंक को डर होता है कि कहीं आप लोन चुकाने में असफल न हो जाएं. इसी कारण से बैंक या तो लोन देने से मना कर देते हैं या फिर बहुत ज्यादा ब्याज दर पर लोन देते हैं. जिससे आपकी EMI भी ज्यादा हो जाती है.
सबसे पहले जानें अपना क्रेडिट स्कोर
अगर आप कार लोन लेने का मन बना रहे हैं, तो सबसे पहले अपने क्रेडिट स्कोर को चेक करें. आप बैंक की मोबाइल एप, क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट या फाइनेंस ऐप्स के जरिए आसानी से यह स्कोर देख सकते हैं. क्रेडिट स्कोर जानने से आपको अंदाजा लग जाएगा कि आपको लोन मिलने की कितनी संभावना है और आपको कितनी मेहनत करनी होगी.
क्रेडिट स्कोर सुधारना है जरूरी
अगर आपका स्कोर कम है तो घबराएं नहीं. आप कुछ आसान कदम उठाकर इसे सुधार सकते हैं:
- मौजूदा लोन या क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं.
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 30% से कम रखें.
- नई क्रेडिट लाइन लेने से बचें जब तक जरूरी न हो.
- पुराने अकाउंट को बंद न करें, यह आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है.
इन प्रयासों से कुछ ही महीनों में आपका स्कोर बेहतर हो सकता है. जिससे ब्याज दर पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
बड़ी डाउन पेमेंट से बनाएं लोन की राह आसान
अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तो बैंक को यह दिखाना जरूरी है कि आप लोन को लेकर गंभीर हैं. बड़ी डाउन पेमेंट देना इसका सबसे अच्छा तरीका है. इससे बैंक को कम जोखिम महसूस होता है और लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ जाती है. उदाहरण के लिए अगर गाड़ी की कीमत ₹5 लाख है और आप ₹2 लाख डाउन पेमेंट दे रहे हैं, तो बैंक केवल ₹3 लाख पर ही जोखिम उठाएगा.
ब्याज दरों की तुलना करें
कम स्कोर वाले अक्सर पहली पेशकश को ही स्वीकार कर लेते हैं, लेकिन ऐसा करना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है. आप घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग बैंकों, क्रेडिट यूनियनों और ऑनलाइन लेंडर्स से ब्याज दरें, प्रोसेसिंग फीस और शर्तें जान सकते हैं. इससे आपको बेहतर सौदा मिल सकता है.
लोन की शर्तों पर बातचीत जरूर करें
जब आप कार लोन के लिए बैंक या लेंडर के पास जाएं, तो उनसे खुलकर बात करें. खासकर इन बातों पर जरूर चर्चा करें:
- ब्याज दर को कम करने की गुजारिश करें
- लोन की राशि और अवधि को लेकर लचीलापन मांगें
- डाउन पेमेंट बढ़ाने पर मिलने वाले फायदे पर बातचीत करें
कई बार लोन एजेंट आपके अच्छे व्यवहार और ईमानदारी से बातचीत करने पर थोड़ी रियायत देने को तैयार हो जाते हैं.
अपनी मासिक किस्त को ध्यान में रखकर कार का चुनाव करें
गाड़ी खरीदते समय अक्सर लोग दिखावे में आकर ज्यादा महंगी कार चुन लेते हैं. लेकिन जब बात EMI की आती है, तो वह बोझ बन जाती है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी मासिक आय और खर्चों को ध्यान में रखते हुए सस्ती और फ्यूल एफिशिएंट कार का चुनाव करें. इससे आपके लोन का बोझ भी कम रहेगा और स्कोर सुधारने का समय भी मिलेगा.
को-साइनेर का विकल्प भी है फायदेमंद
अगर आपका क्रेडिट स्कोर बहुत ही खराब है और कोई भी बैंक लोन देने को तैयार नहीं है, तो आप को-साइनेर यानी किसी भरोसेमंद व्यक्ति को साथ जोड़ सकते हैं. जिसका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो. इससे बैंक को भरोसा होता है कि लोन न चुकाने की स्थिति में को-साइनेर जिम्मेदारी निभाएगा. जिससे लोन मिलना आसान हो सकता है.
कम स्कोर पर लोन लिया तो समय पर चुकाएं
अगर आपने खराब स्कोर पर किसी तरह लोन ले ही लिया है, तो अब यह आपके क्रेडिट सुधारने का मौका है. EMI को एक दिन की भी देरी से चुकाने से बचें. क्योंकि यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में जुड़ता है. समय पर पेमेंट करने से कुछ ही महीनों में आपका स्कोर सुधरने लगेगा और भविष्य में आपको बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिलने लगेगा.