Bank Saving Account: अगर आप भी अपने पैसों को सेविंग अकाउंट (Saving Account) में रखकर सुरक्षित मानते हैं और उस पर मिलने वाले ब्याज को आमदनी का एक छोटा लेकिन भरोसेमंद स्रोत मानते हैं. तो यह खबर आपको चिंतित कर सकती है. देश के कई बड़े निजी बैंकों ने सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों (Savings Account Interest Rate) में कटौती कर दी है.
इसका सीधा असर उन करोड़ों भारतीयों पर पड़ेगा, जो अपनी बचत को बैंकों में जमा कर ब्याज के रूप में थोड़ी-बहुत आमदनी करते थे. खासकर रिटायर्ड, सीनियर सिटीजन और मेडिकल या पारिवारिक जरूरतों के लिए सेविंग पर निर्भर रहने वाले लोग.
किन बैंकों ने घटाई ब्याज दरें?
नवीनतम अपडेट के मुताबिक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एक्सिस बैंक (Axis Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने अब 50 लाख रुपये तक की जमा राशि पर ब्याज दर को घटाकर 2.75% कर दिया है. पहले यह दरें 3% या उससे अधिक थीं. अब इन बैंकों ने अपने जमाकर्ताओं के लिए 50 लाख रुपये से अधिक की जमा राशि पर भी केवल 3.25% तक की ब्याज दर तय की है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पहले से ही 2.7% की दर पर सेविंग अकाउंट पर ब्याज दे रहा है.
HDFC बैंक ने घटाई सेविंग और FD दोनों की ब्याज दरें
एचडीएफसी बैंक ने अपने सेविंग अकाउंट में ब्याज दर को 12 अप्रैल 2025 से लागू करते हुए 3.00% से घटाकर 2.75% प्रति वर्ष कर दिया है (₹50 लाख तक की राशि पर). इसके साथ ही 50 लाख रुपये से अधिक की राशि रखने पर अब ब्याज 3.25% मिलेगा. जबकि पहले यह दर 3.50% थी.
इसके अलावा बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में भी 50 बेसिस प्वाइंट (0.50%) तक की कटौती की है. अब सामान्य नागरिकों के लिए FD पर ब्याज दर 3% से 7.10% तक और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3.5% से 7.55% तक सीमित रह गई है.
ICICI बैंक ने भी 0.25% घटाई ब्याज
आईसीआईसीआई बैंक ने अपने सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर में 0.25% की कटौती की है.
अब 50 लाख रुपये तक की जमा राशि पर ग्राहकों को केवल 2.75% सालाना ब्याज मिलेगा.
वहीं 50 लाख रुपये से ऊपर की रकम पर ब्याज दर 3.25% रखी गई है.
यह दरें अब एचडीएफसी बैंक की दरों के बराबर हो गई हैं. जिससे यह स्पष्ट है कि बैंकिंग सेक्टर में सेविंग अकाउंट को अब बहुत अधिक मुनाफे का जरिया नहीं माना जा रहा है.
एक्सिस और फेडरल बैंक का भी यही रुख
एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक ने भी सेविंग अकाउंट पर ब्याज दरें घटाकर 2.75% कर दी हैं. इसका मतलब यह है कि अब चार बड़े निजी बैंकों ने एक समान रुख अपनाते हुए छोटी जमा राशि पर मिलने वाले रिटर्न को और भी सीमित कर दिया है. इसका सबसे बड़ा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो एफडी नहीं करना चाहते और सिर्फ सेविंग अकाउंट में पैसा रखकर छोटे-बड़े खर्चों के लिए उसे सुरक्षित मानते हैं.
क्यों की गई ब्याज दरों में कटौती?
बैंक ब्याज दरें कई कारकों पर निर्भर करती हैं — जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति, महंगाई दर, मार्केट लिक्विडिटी और बैंक की अपनी जरूरतें. चूंकि मौजूदा समय में बैंकों के पास पर्याप्त कैश फ्लो है और लोन की डिमांड में भी असंतुलन देखा गया है. इसलिए बैंकों ने यह कदम उठाया है. इसके अलावा बैंकों के लिए एफडी और सेविंग अकाउंट पर ऊंची ब्याज दर बनाए रखना खर्चीला हो सकता है. खासकर जब मुनाफा कम हो रहा हो.
सीनियर सिटीजन और मिडिल क्लास पर सबसे ज्यादा असर
भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो रिटायरमेंट के बाद अपनी सेविंग्स को सेविंग अकाउंट और एफडी में रखते हैं ताकि उन्हें नियमित ब्याज मिल सके. अब जब सेविंग अकाउंट की ब्याज दरें कम हो गई हैं, और एफडी पर भी रिटर्न घटा है, तो ऐसे लोगों की आमदनी पर सीधा असर पड़ेगा. मेडिकल, बच्चों की पढ़ाई, शादी जैसे जरूरी खर्चों के लिए जो लोग बैंक में जमा राशि पर निर्भर रहते हैं. उन्हें अब अपने निवेश के तरीके बदलने की जरूरत होगी.
अब क्या विकल्प बचते हैं?
अगर आप केवल सेविंग अकाउंट पर निर्भर नहीं रहना चाहते, तो अब समय आ गया है कि कुछ बेहतर विकल्पों की ओर ध्यान दिया जाए:
- पीपीएफ या पोस्ट ऑफिस स्कीम्स: सुरक्षित और टैक्स सेविंग के साथ बेहतर ब्याज देती हैं.
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): हालांकि दरें घटी हैं, फिर भी यह सुरक्षित विकल्प है.
- रीकरिंग डिपॉजिट (RD): नियमित बचत के लिए उपयुक्त.
- म्यूचुअल फंड: अगर जोखिम लेने की क्षमता है तो लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देता है.