Education Department Action: लुधियाना में शिक्षा के अधिकार (Right To Education – RTE) कानून के तहत चल रही स्कूलों की जांच अभियान में बड़ा खुलासा हुआ है. जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंट्री एजुकेशन) लुधियाना के नेतृत्व में लगातार तीसरे दिन निजी स्कूलों और अकादमियों की गहन जांच की गई. जांच के दौरान कई स्कूलों और अकादमियों में आरटीई मानकों का गंभीर उल्लंघन पाया गया. जिसके चलते उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं.
किन-किन स्कूलों में हुई जांच?
आज की जांच में लुधियाना के निम्नलिखित स्कूल और अकादमियों का निरीक्षण किया गया:
- पवित्र मॉडल स्कूल, जुगियाना
- प्रेरणा अकादमी, शेरपुर कलां
- किरण विद्या मंदिर, कंगलवाल
- एसके मॉडल स्कूल, शेरपुर कलां
इन सभी संस्थानों की जांच के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं. जो बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों के लिए खतरे की घंटी हैं.
यूडाइज कोड और आधारभूत सुविधाओं का अभाव
जांच टीम ने पाया कि इन स्कूलों में से किसी के पास भी यूडाइज (Unified District Information System for Education) कोड नहीं था, जो किसी भी स्कूल की वैधता का प्रमाण होता है. यूडाइज कोड के बिना स्कूलों का संचालन पूरी तरह से अवैध माना जाता है.
इसके अलावा छात्रों की संख्या के अनुपात में बुनियादी सुविधाएं भी बेहद खराब स्थिति में पाई गईं. स्कूलों में शौचालयों की साफ-सफाई का अभाव था. बच्चों के लिए पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं थी और सुरक्षा के इंतजाम भी नाकाफी थे.
कक्षाओं में ठूंस-ठूंस कर बैठाए जा रहे थे बच्चे
स्कूलों में कक्षाओं का हाल और भी चिंताजनक था. प्रत्येक कमरे में लगभग 70 से 80 बच्चे ठूंस-ठूंस कर बिठाए जा रहे थे. नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को बिना किसी तय मापदंड के पढ़ाया जा रहा था. यह स्थिति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही थी. बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुकी थी.
आरटीई नियमों का सरेआम उल्लंघन
जांच के दौरान स्पष्ट रूप से देखा गया कि इन स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून (RTE Act) के मानकों का घोर उल्लंघन हो रहा था. आरटीई कानून के तहत हर बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा, समुचित भवन, स्वच्छ शौचालय, साफ पेयजल और पर्याप्त शिक्षकों जैसी सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य है. लेकिन इन स्कूलों में न तो बुनियादी ढांचे का ध्यान रखा गया था और न ही बच्चों की मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा रहा था.
अवैध संचालन पर कसा शिकंजा
जिला शिक्षा अधिकारी ने इन सभी अवैध रूप से संचालित स्कूलों और अकादमियों को तत्काल प्रभाव से नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा गया है कि वे किस आधार पर बिना मान्यता और बिना यूडाइज कोड के स्कूल चला रहे हैं. यदि तय समयसीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिला. तो इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जिला स्तरीय टीम ने निभाई अहम भूमिका
स्कूलों की इस जांच में जिला स्तरीय टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टीम में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
- मेजर सिंह (कानूनी सलाहकार)
- विशाल कुमार (एमआईएस समन्वयक)
- संजीव कुमार
- प्रेमजीत सिंह
- बलदेव सिंह
इन अधिकारियों ने बारीकी से हर पहलू की जांच की और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की.
बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सर्वोपरि
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. जो भी स्कूल आरटीई मानकों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चे को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार मिले. चाहे वह किसी भी वर्ग या क्षेत्र से क्यों न हो.