Delhi School Fees Bill 2025: दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर रोक लगाने के लिए “दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस 2025” बिल को मंजूरी दे दी है. शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह बिल 1677 गैर-सहायता प्राप्त और सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया क्यों जरूरी था यह बिल
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार को अभिभावकों से लगातार स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें मिल रही थीं. जिला मजिस्ट्रेट (DM) द्वारा स्कूलों का निरीक्षण और ऑडिट कराया गया जिससे स्थिति की गंभीरता सामने आई.
पुराने कानून में नहीं थी फीस नियंत्रण की स्पष्ट व्यवस्था
1973 के मौजूदा कानून में स्कूल फीस बढ़ोतरी की जांच या नियंत्रण की कोई स्पष्ट प्रक्रिया नहीं थी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी कमी को दूर करने के लिए नया बिल लाया गया है जो सरकार स्कूलों और अभिभावकों की भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा.
फीस वृद्धि पर नए नियम: तीन साल तक रोक की सजा
इस बिल के अनुसार अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन कर फीस बढ़ाता है तो उसे अगले तीन साल तक फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह प्रावधान स्कूलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है.
नवंबर तक घोषित करनी होगी अगली वर्ष की फीस
हर स्कूल को आगामी सत्र की फीस हर साल नवंबर तक घोषित करनी होगी. अभिभावकों को इसे चुनौती देने का पर्याप्त समय मिलेगा ताकि वे समय रहते आपत्ति दर्ज करा सकें.
बिना कमेटी के फीस तय की तो लगेगा लाखों का जुर्माना
बिल के अनुसार फीस निर्धारण के लिए स्कूलों को एक कमेटी बनाना अनिवार्य होगा. ऐसा न करने पर 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. गंभीर मामलों में स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है.
बच्चों के साथ दुर्व्यवहार पर भारी जुर्माना
अगर कोई स्कूल छात्रों को दंड के रूप में लाइब्रेरी या अन्य स्थान पर भेजता है तो प्रति बच्चा प्रति दिन 50,000 रुपये जुर्माना लगेगा. यह जुर्माना 20 दिन के बाद दोगुना और 40 दिन के बाद तीन गुना हो जाएगा. शिकायत साबित होने पर स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है.
शिक्षा निदेशालय को मिले विशेष अधिकार
बिल की धारा 14 के तहत शिक्षा निदेशालय को स्कूल के खातों और दस्तावेजों को जब्त करने का अधिकार मिलेगा. इससे निगरानी और पारदर्शिता की प्रक्रिया और मजबूत होगी.
1 अप्रैल 2026 से होगा बिल लागू
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बिल 1 अप्रैल 2026 से प्रभाव में आएगा. तब से निजी स्कूलों को हर नियम का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा.
अभिभावकों की वर्षों पुरानी मांग पूरी
यह बिल दिल्ली के उन लाखों अभिभावकों के लिए राहत है जो लंबे समय से फीस वृद्धि और बच्चों से दुर्व्यवहार की शिकायतें कर रहे थे. अब सरकार ने एक स्थायी समाधान की दिशा में मजबूत कदम उठाया है.
हालिया विरोध प्रदर्शनों ने तेज किया मामला
सितंबर 2024 में पीतमपुरा के महाराजा अग्रसेन स्कूल और मयूर विहार के वनस्थली पब्लिक स्कूल में फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों ने जोरदार प्रदर्शन किया था. अप्रैल 2025 में डीपीएस द्वारका के बाहर भी अभिभावकों ने प्रदर्शन किया. ऐसे ही विरोधों ने सरकार को मजबूर किया कि वह कठोर नियमों के साथ नया बिल लाए.