Toll Plaza Free: पंजाब के तरनतारन जिले में स्थित झबाल के मन्नण टोल प्लाजा से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां टोल कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के चलते टोल वसूली को फ्री कर दिया गया है. बीते कुछ दिनों से चल रहे असंतोष और वेतन कटौती को लेकर नाराजगी के बाद सोमवार को कर्मचारियों ने टोल वर्कर्स यूनियन के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन शुरू किया. जिससे टोल प्लाजा पर आवागमन बिना शुल्क के जारी रहा.
नई कंपनी के आने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में कटौती
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि पहले टोल प्लाजा पर काम करने वाली कंपनियां सभी कर्मचारियों को समय पर पूरा वेतन देती थीं. लेकिन मार्च 2025 में जब से नई कंपनी आईजीटी बी ग्लोबल ने टोल का संचालन संभाला है. तभी से सभी कर्मचारियों की सैलरी में भारी कटौती की जा रही है. इससे कर्मचारियों में नाराजगी और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है.
स्थानीय कर्मचारियों के साथ धक्केशाही का आरोप
टोल प्लाजा वर्कर्स यूनियन पंजाब (रजि.) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजवंत सिंह खालसा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कर्मचारियों ने नई कंपनी पर स्थानीय कर्मचारियों के साथ धक्केशाही करने का गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि न केवल वेतन कम किया गया है. बल्कि काम का माहौल भी दमनकारी बना दिया गया है. जिससे कर्मचारियों को मानसिक रूप से भी परेशान किया जा रहा है.
टोल प्लाजा को किया गया फ्री, धरना स्थल बना विरोध का केंद्र
गुस्साए कर्मचारियों ने सोमवार को टोल बूथों से सभी बैरिकेड्स हटा दिए और वाहनों को बिना टोल वसूली के निकलने दिया. उन्होंने मन्नण टोल प्लाजा पर धरना स्थल बनाकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. जिसमें बड़ी संख्या में यूनियन के पदाधिकारी और स्थानीय कर्मचारी मौजूद रहे. इस समय राजवंत सिंह खालसा, अवतार सिंह, अमनदीप सिंह, सम्पूर्ण सिंह, कुलदीप सिंह, सुखराज सिंह जैसे जिम्मेदार पदाधिकारी धरना स्थल पर डटे रहे.
टोल वसूली ठप होने से कंपनी को हो रहा भारी नुकसान
धरना शुरू होने के बाद से ही मन्नण टोल प्लाजा पर पूरी तरह टोल वसूली बंद है. यह प्लाजा तरनतारन और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक मुख्य मार्ग है. जिससे प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं. टोल फ्री होने के कारण कंपनी को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. प्रशासन और कंपनी प्रबंधन के बीच भी अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है.
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
टोल कर्मचारियों की मांगों को लेकर अब सवाल प्रशासन पर भी उठ रहे हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. जबकि वे महीनों से अपनी समस्याएं उठा रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक उनकी सैलरी पूरी नहीं दी जाती और सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित नहीं किया जाता. तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
यूनियन की मांगें
प्रदर्शन कर रहे टोल कर्मचारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- कटौती किए गए वेतन की तुरंत बहाली की जाए.
- स्थानीय कर्मचारियों के साथ हो रही धक्केशाही बंद हो.
- कार्यस्थल पर सम्मानजनक व्यवहार और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाए.
- कर्मचारी हित में कार्यरत पुरानी कंपनी की शर्तों के अनुसार नई कंपनी को संचालन करना होगा.
कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
अब तक आईजीटी बी ग्लोबल की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी प्रबंधन बातचीत के लिए तैयार नहीं है और उन्होंने प्रदर्शन को अवैध ठहराया है. ऐसे में टकराव की स्थिति और गहराने की आशंका है.
पुलिस की निगरानी में चल रहा धरना, हालात शांत
धरना स्थल पर स्थानीय पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है और पुलिस केवल निगरानी के उद्देश्य से तैनात है. कर्मचारियों ने भी स्पष्ट किया है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण रहेगा. लेकिन मांगें पूरी होने तक वे पीछे नहीं हटेंगे.