ANGLO SANSKRIT INTER COLLEGE: यूपी बोर्ड की परीक्षा के नतीजे सामने आ चुके हैं. जहां सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों ने अपनी मेहनत का लोहा मनवाया है. मेरठ से करीब 30 किलोमीटर दूर मवाना कस्बे का एंग्लो संस्कृत इंटर कॉलेज (एएस इंटर कॉलेज) इस बार भी चर्चा में रहा. 111 साल पुराने इस सरकारी स्कूल ने ना केवल शानदार रिजल्ट दिया. बल्कि टॉप टेन में भी अपनी जगह बनाई.
एंग्लो संस्कृत इंटर कॉलेज की ऐतिहासिक शुरुआत
इस विद्यालय की स्थापना वसंत पंचमी के दिन वर्ष 1915 में साहू बनारसी दास कौशिक और साहू खैराती राम कौशिक ने की थी. उन्होंने स्कूल के लिए 102 बीघा जमीन दान दी थी. स्थानीय लोगों ने भी दिल खोलकर सहयोग किया था. शुरुआत में यह जूनियर हाईस्कूल था. जो बाद में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक विकसित हुआ.
कैसे बढ़ा स्कूल का विस्तार और मान्यता
स्कूल को 1939 में अनुदान सूची में शामिल किया गया और 1941 में हाईस्कूल तथा 1948 में इंटरमीडिएट की मान्यता मिली. 2022 में अंग्रेजी माध्यम से कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाई शुरू की गई. आज यहां 3000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग विंग हैं और एनसीईआरटी का सिलेबस लागू है.
विज्ञान और अंतरिक्ष अध्ययन की अनोखी पहल
2023 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा एएस इंटर कॉलेज को खगोल विज्ञान (Space Science) डिप्लोमा कोर्स संचालित करने की मान्यता मिली. साथ ही इसे भारतीय मानक ब्यूरो से भी प्रमाणन प्राप्त हुआ है. आज यह स्कूल जनपद स्तर पर खगोल विज्ञान का नोडल केंद्र बन चुका है.
आधुनिक सुविधाओं से लैस सरकारी विद्यालय
विद्यालय में अध्यापकों और छात्रों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. स्कूल में 96 IP कैमरा, शुद्ध पेयजल के लिए चार वाटर कूलर, स्वच्छ शौचालय, कम्प्यूटर कक्ष, लाइब्रेरी, आर्ट रूम, मिड-डे मील किचन और स्पोर्ट्स रूम मौजूद हैं. हाल ही में एक पूर्व छात्र प्रेमराज कश्यप रस्तोगी के सहयोग से खगोल विज्ञान गैलरी का भी निर्माण हुआ है.
छात्रों के जन्मदिन पर पौधे उपहार में
स्कूल ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी पहल की है. यहां 12 बीघा में 5 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. प्रत्येक छात्र के जन्मदिन पर उन्हें उपहार स्वरूप पौधा भेंट किया जाता है. जिससे छात्रों में प्रकृति के प्रति प्रेम विकसित हो रहा है.
रिजल्ट में शानदार प्रदर्शन और टॉपर्स
प्रिंसिपल डॉ. मेघराज सिंह के नेतृत्व में इस साल हाईस्कूल का रिजल्ट 100% रहा है. जबकि इंटरमीडिएट का परिणाम 88.9% रहा. कक्षा 10वीं की छात्रा वैष्णवी ने पूरे प्रदेश में टॉप टेन में जगह बनाकर स्कूल का नाम रोशन किया है. स्कूल का अनुशासन और पढ़ाई का स्तर निजी स्कूलों को भी चुनौती दे रहा है.
क्रिकेट अकादमी और खेलों में सफलता
विद्यालय में एक सक्रिय क्रिकेट अकादमी भी है. इसके स्टूडेंट्स राज्य स्तरीय टीमों का हिस्सा बन चुके हैं और एक छात्र आईपीएल टीम में वेटिंग लिस्ट में है. खेल और शिक्षा का यह संतुलन स्कूल को और भी खास बनाता है.
न्यूनतम फीस में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा
विद्यालय में कक्षा 6 से 8वीं तक शिक्षा पूरी तरह मुफ्त है. जबकि उच्च कक्षाओं में भी वार्षिक फीस मात्र 2000 रुपये के आसपास है. इस वजह से कई अभिभावक अब नामी निजी स्कूल छोड़कर अपने बच्चों का एडमिशन यहां करवा रहे हैं.
एडमिशन के लिए लगी रहती है लंबी कतार
माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ मंडल के संयुक्त निदेशक ओमकार नाथ शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद एएस इंटर कॉलेज में छात्रों की संख्या और रिजल्ट का प्रतिशत अन्य स्कूलों से कहीं बेहतर है. यहां हर साल एडमिशन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है.